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सोने की कीमत में भारी गिरावट: जानिए क्या हैं इसके पीछे के कारण

सोने की चमक इस हफ्ते फीकी पड़ गई है, और इसके पीछे तकनीकी संकेतों के साथ-साथ वैश्विक आर्थिक बदलावों की भी बड़ी भूमिका रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोमवार को सोने की कीमत में लगभग 3% की तेज गिरावट देखी गई। यह तब हुआ जब अमेरिका और चीन ने आपसी व्यापार शुल्कों में भारी कमी करने का फैसला लिया, जिससे सुरक्षित निवेश की छवि रखने वाले सोने से निवेशकों ने दूरी बनानी शुरू कर दी।

अमेरिका-चीन ट्रेड डील ने बदला रुख
दरअसल, अमेरिका ने अप्रैल में लगाए गए 145% टैरिफ को घटाकर 30% कर दिया है, वहीं चीन ने 125% का टैरिफ घटाकर मात्र 10% कर दिया। इस समझौते ने निवेशकों में जोखिम लेने का भाव बढ़ा दिया है। अब निवेशक सोने जैसे सुरक्षित माध्यम से निकलकर स्टॉक्स और क्रूड ऑयल जैसे रिस्क वाले एसेट्स की ओर रुख कर रहे हैं।https://bazaarbits.com/srigee-dlm-ipo-listing-returns-12-may/

बाजार में तेज गिरावट का नजारा

  • स्पॉट गोल्ड की कीमत $3,225.28 प्रति औंस तक गिर गई, जो लगभग 3% की गिरावट है।
  • US गोल्ड फ्यूचर्स में 3.5% की गिरावट आई और यह $3,228 पर बंद हुआ।
  • सिल्वर की कीमतों में भी 0.9% की गिरावट आई और यह $32.40 पर पहुंच गया।
  • वहीं प्लैटिनम और पैलेडियम की कीमतों में क्रमशः 1.9% और 3.4% की गिरावट दर्ज की गई।

तकनीकी स्तरों का महत्व
अगर सोना $3,245 के स्तर को बनाए रखने में असफल रहता है, तो कीमतें $3,200 से भी नीचे जा सकती हैं। इसके बाद अगला संभावित सपोर्ट $3,167 पर नजर आ रहा है। ऊपर की ओर देखें तो $3,284 अब एक प्रमुख रेसिस्टेंस बन चुका है। इससे ऊपर $3,315 एक महत्वपूर्ण पिवट लेवल है, जबकि $3,356 और $3,388 क्रमशः अगले रेसिस्टेंस स्तर होंगे।

विशेषज्ञों की राय
BullionVault के Adrian Ash का कहना है कि पिछले महीने ट्रेड वॉर के चलते सोना मजबूत हुआ था, लेकिन अब जब समझौता हो गया है, तो निवेशकों का फोकस बदल चुका है। Kitco Metals के Jim Wyckoff का मानना है कि फिलहाल बुल्स की पकड़ कमजोर है और जब तक कीमतें $3,350 के ऊपर बंद नहीं होतीं, तब तक कोई बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं की जा सकती।

डॉलर और अन्य बाजारों की स्थिति

  • डॉलर इंडेक्स 1.5% बढ़कर 101.91 पर पहुंच गया है।
  • अमेरिका की 10 साल की बॉन्ड यील्ड 4.43% पर है, जो अप्रैल के बाद सबसे ऊंचा स्तर है।
  • कच्चे तेल की कीमतों में भी 2% की तेजी आई है और यह $62.50 प्रति बैरल पर पहुंच गया है।

कुल मिलाकर, वैश्विक स्तर पर बढ़ती सकारात्मकता और रिस्क-ऑन मूड ने सोने को फिलहाल बैकफुट पर धकेल दिया है।

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