Monetary Policy Update: सितंबर से नवंबर तक 4 चरणों में घटेगा CRR जानें पूरी डिटेल्स

Monetary Policy Update: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देश की मौद्रिक नीति में एक अहम बदलाव करते हुए कैश रिज़र्व रेश्यो (CRR) को 100 बेसिस पॉइंट यानी 1% घटाने का ऐलान किया है। इस कदम का उद्देश्य बैंकों के पास अधिक नकदी उपलब्ध कराना है, जिससे आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार दी जा सके।
इस बदलाव का असर सीधे तौर पर बैंकों की लिक्विडिटी पर पड़ेगा। आरबीआई के अनुसार, इस कटौती से बैंकिंग सिस्टम में करीब ₹2.5 लाख करोड़ की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध हो पाएगी, जो कर्ज देने की क्षमता को बढ़ाएगा।
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चार चरणों में लागू होगी सीआरआर कटौती
RBI ने स्पष्ट किया है कि यह कटौती एकसाथ नहीं, बल्कि चार बराबर चरणों में लागू की जाएगी। ये चारों चरण इस प्रकार हैं:
- पहला चरण: 6 सितंबर 2025
- दूसरा चरण: 4 अक्टूबर 2025
- तीसरा चरण: 1 नवंबर 2025
- चौथा और अंतिम चरण: 29 नवंबर 2025
हर चरण में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की जाएगी, जिससे कुल मिलाकर 100 बेसिस पॉइंट की कटौती पूरी हो जाएगी।
आरबीआई गवर्नर ने दी जानकारी
इस फैसले की जानकारी आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने कहा कि यह फैसला मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए लिया गया है और इसका उद्देश्य सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाना और कर्ज की उपलब्धता को आसान बनाना है।
इस फैसले का अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा?
- इस निर्णय से बैंक कर्ज देने में अधिक सक्षम होंगे, जिससे MSMEs, रियल एस्टेट और कंज्यूमर लोन सेक्टर को बढ़ावा मिल सकता है।
- दूसरी ओर, ब्याज दरों में कमी की संभावना भी बन सकती है, जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
- यह कदम विशेष रूप से उस समय लिया गया है जब देश में महंगाई को नियंत्रण में रखने के साथ-साथ विकास दर को गति देने की जरूरत है।
सीआरआर कटौती क्यों महत्वपूर्ण है?
CRR वह न्यूनतम रकम होती है जो बैंक अपने कुल जमा का एक हिस्सा नकद के रूप में RBI के पास रखते हैं। इसमें कटौती करने का मतलब है कि बैंकों को अधिक फंड मिलते हैं, जिससे वे अधिक लोन दे सकते हैं। यह एक प्रभावी टूल है जिससे केंद्रीय बैंक नकदी की स्थिति को नियंत्रित करता है।