मुकेश अंबानी का निवेश बना सुपरहिट, एशियन पेंट्स डील से ₹7700 करोड़ कमाए

मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने एक बार फिर साबित किया है कि स्मार्ट निवेश लंबे समय में जबरदस्त लाभ दे सकता है। इस बार रिलायंस को बड़ा फायदा हुआ है मशहूर पेंट कंपनी एशियन पेंट्स से, जिसमें उसने सालों पहले हिस्सेदारी ली थी।
गुरुवार को रिलायंस ने एक बड़ी डील के तहत एशियन पेंट्स के करोड़ों शेयर बेचे हैं, जिससे कंपनी को हजारों करोड़ का फायदा हुआ। यह सौदा उस समय हुआ जब बाजार में अस्थिरता बनी हुई है, और ब्लूचिप स्टॉक्स को लेकर निवेशकों की धारणा सतर्क है।
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एक दशक पुराना दांव, अब हुआ कैश
2008 में जब दुनिया आर्थिक संकट से गुजर रही थी और बाजार में भारी गिरावट का दौर था, तब रिलायंस ने एशियन पेंट्स में लगभग 5% हिस्सेदारी मात्र ₹500 करोड़ में खरीदी थी। यह कदम तब जोखिम भरा माना जा रहा था। लेकिन वर्षों बाद यही निवेश मल्टीबैगर बनकर उभरा।
रिलायंस ने अब एशियन पेंट्स के 3.5 करोड़ शेयर करीब ₹7,703 करोड़ में बेच दिए। प्रति शेयर डील प्राइस ₹2,201 तय हुआ। यह सौदा सिद्धांत कमर्शियल लिमिटेड के ज़रिए किया गया, जो रिलायंस की ही एक सहयोगी कंपनी है।
कंपनी के पास अब भी लगभग 87 लाख शेयर बचे हुए हैं, जिसका मतलब है कि रिलायंस ने पूरी हिस्सेदारी नहीं निकाली।
स्टॉक में हल्की तेजी, लेकिन दबाव बरकरार
ब्लॉक डील की खबर के बाद एशियन पेंट्स के शेयरों में हल्की बढ़त देखने को मिली। दिन के अंत में स्टॉक ₹2,218 पर बंद हुआ। कंपनी का मार्केट कैप फिलहाल ₹2.13 लाख करोड़ के आसपास बना हुआ है।
हालांकि, बीते दो सालों में इस स्टॉक ने कमजोर प्रदर्शन किया है। करीब 30% की गिरावट के साथ यह उस अवधि में कमजोर ब्लूचिप शेयरों में शुमार हो गया है।
बाजार हिस्सेदारी में गिरावट, बढ़ती चुनौती
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, एशियन पेंट्स की पकड़ अब पहले जैसी मजबूत नहीं रही। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में कंपनी की मार्केट हिस्सेदारी 59% से गिरकर 52% पर आ गई है। इसके पीछे एक बड़ा कारण बिड़ला ग्रुप की नई कंपनी “ओपस पेंट्स” को माना जा रहा है, जिसने आक्रामक रणनीति से बाजार में जगह बनानी शुरू कर दी है।
सीईओ का भरोसा और भविष्य की तैयारी
एशियन पेंट्स के सीईओ अमित सिंगले ने हाल ही में निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस माहौल में कंपनी सोच-समझकर कदम उठा रही है ताकि ब्रांड की दीर्घकालिक मजबूती बनी रहे। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि शहरी मांग में कमी और त्योहारी सीज़न की टाइमिंग ने बिक्री को प्रभावित किया है।