आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम, 2028 तक सौर ऊर्जा मैन्युफैक्चरिंग में होगा क्रांतिकारी बदलाव

सौर ऊर्जा: भारत आने वाले समय में सौर ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़े कदम उठा रहा है। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि सरकार 2028 तक घरेलू स्तर पर सौर सेल निर्माण को पूरी तरह स्थापित करने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है। अभी तक […]

भारत 2028 तक सौर ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में, सोलर पैनल और मॉड्यूल्स की मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां

सौर ऊर्जा: भारत आने वाले समय में सौर ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़े कदम उठा रहा है। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि सरकार 2028 तक घरेलू स्तर पर सौर सेल निर्माण को पूरी तरह स्थापित करने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है। अभी तक देश में मुख्य रूप से मॉड्यूल्स का उत्पादन हो रहा था, लेकिन अब वेफर्स और इनगॉट्स जैसी उन्नत इकाइयों की फैक्ट्रियां भी लगाई जा रही हैं।

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सरकारी योजनाओं के चलते अब तक सोलर उपकरण निर्माण उद्योग में लगभग 50,000 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। इससे आने वाले वर्षों में लाखों नए रोजगार पैदा होने की संभावना है। ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत विदेशी आयात पर निर्भरता कम करके ‘ग्रीन एनर्जी’ उत्पादन का मजबूत केंद्र बन सकता है।

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मॉड्यूल्स में प्रगति, लेकिन सेल और वेफर्स में कमी

वर्तमान में भारत की सौर फोटोवोल्टिक (PV) मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता 100 गीगावाट तक पहुंच चुकी है। हालांकि, इन मॉड्यूल्स के लिए जरूरी सेल उत्पादन केवल 27 गीगावाट है। सबसे बड़ी चुनौती वेफर्स और इनगॉट्स की है, जिनकी घरेलू क्षमता महज 2.2 गीगावाट है। यही वजह है कि उद्योग को अभी भी बड़े पैमाने पर चीन से आयात करना पड़ता है।

मंत्री ने संकेत दिया कि सरकार वेफर्स और इनगॉट्स के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ठोस रोडमैप तैयार कर चुकी है, जिसे जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। साथ ही, पॉलीसिलिकॉन उत्पादन की दिशा में भी योजनाएं बनाई जा रही हैं।

नई नीतियां और ALMM नियम

जून 2025 से अप्रूव्ड लिस्ट ऑफ मॉडल एंड मैन्युफैक्चरर्स (ALMM) लागू होने जा रही है। इसके बाद सरकार समर्थित प्रोजेक्ट्स को सप्लाई करने वाली कंपनियों को केवल देश में बने सौर सेल्स का इस्तेमाल करना होगा। यह कदम घरेलू उद्योग को सीधा बढ़ावा देगा।

नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की ओर भारत

भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-फॉसिल बिजली क्षमता हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। मौजूदा समय में देश पहले ही 251.5 गीगावाट क्षमता हासिल कर चुका है, यानी लक्ष्य का आधे से ज्यादा सफर तय हो चुका है।

योजनाओं से आम लोगों को फायदा

“प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” के तहत अब तक करीब 20 लाख परिवारों को लाभ मिला है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में पीएम-कुसुम योजना तेजी से आगे बढ़ रही है। मंत्री ने साफ किया कि मार्च 2026 में मौजूदा फेज खत्म होने के बाद इसका दूसरा चरण शुरू किया जाएगा।

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