AMFI अप्रैल 2025 रिपोर्ट: इक्विटी निवेश में गिरावट जारी, एयूएम नई ऊंचाई पर

AMFI अप्रैल 2025 रिपोर्ट म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए अप्रैल 2025 का महीना दिलचस्प रहा। एक तरफ जहां इक्विटी फंड्स में निवेश चौथे महीने भी घटता दिखा, वहीं दूसरी ओर कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) नई ऊंचाई पर पहुंच गया। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की छतरी संस्था एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि अब कुल एयूएम 70 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है, जो मार्च में 65.74 लाख करोड़ रुपये था।
इक्विटी निवेश में गिरावट, लेकिन कुछ फंड्स में सुधार
एएमएफआई के अनुसार, अप्रैल में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में नेट इनफ्लो घटकर 24,253 करोड़ रुपये रह गया, जो मार्च में 25,017 करोड़ रुपये था। यह गिरावट लगभग 3.2% की है और पिछले साल अप्रैल के बाद सबसे कम है। हालांकि, कुछ श्रेणियों में सुधार के संकेत दिखे हैं।
लार्जकैप फंड्स में निवेश दो महीने की गिरावट के बाद फिर बढ़ा और यह 2,671.46 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसके विपरीत मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में हल्की गिरावट देखने को मिली। मिडकैप फंड में निवेश 3,438.87 करोड़ रुपये से घटकर 3,313 करोड़ रुपये हुआ, जबकि स्मॉलकैप में यह 4,092 करोड़ रुपये से घटकर 3,999.95 करोड़ रुपये रहा।https://bazaarbits.com/gold-price-girawat-us-uk-trade-deal-impact/
हाइब्रिड और डिविडेंड यील्ड फंड्स में सुस्ती
डिविडेंड यील्ड फंड्स की बात करें तो इस श्रेणी में भी भारी गिरावट देखी गई। मार्च में जहां इसमें 140.5 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था, वहीं अप्रैल में यह घटकर मात्र 51.17 करोड़ रुपये रह गया। हाइब्रिड श्रेणियों में भी खास तेजी नहीं दिखी।
लिक्विड और पैसिव फंड्स बने सहारा
एक ओर जहां इक्विटी से निवेशक थोड़ा पीछे हटते दिखे, वहीं लिक्विड फंड्स में जबरदस्त निवेश हुआ। अप्रैल में लिक्विड फंड्स में 1.18 लाख करोड़ रुपये की एंट्री हुई, जबकि मार्च में यहां से 1.33 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई थी।
सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स में भी निवेशकों की रुचि बढ़ी है। अप्रैल में इन फंड्स में निवेश बढ़कर 2,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो मार्च में मात्र 170 करोड़ रुपये था। वहीं, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETF) में निवेश भी अप्रैल में उछलकर 19,056.7 करोड़ रुपये रहा, जो मार्च में 10,962 करोड़ रुपये था।
डेट फंड्स में मिलाजुला प्रदर्शन
डेट फंड्स की बात करें तो कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स में 3,458 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो मार्च में भारी निकासी के बाद एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, क्रेडिट रिस्क फंड्स में निकासी बढ़कर 301.7 करोड़ रुपये हो गई।
निष्कर्ष
अप्रैल 2025 के आंकड़े यह दिखाते हैं कि भले ही इक्विटी फंड्स में निवेश की रफ्तार धीमी हुई है, लेकिन कुल बाजार में विश्वास बना हुआ है। लिक्विड और ETF जैसे विकल्पों ने बाजार को संतुलन प्रदान किया है। निवेशकों को बदलते रुझानों के अनुसार अपनी रणनीति तय करनी होगी।