Apollo Micro Systems को 113 करोड़ का ऑर्डर, शेयर पहुंचा 52W हाई पर

Apollo Micro Systems: बुधवार को स्मॉलकैप डिफेंस कंपनी Apollo Micro Systems Ltd के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। ट्रेडिंग सत्र के दौरान इस स्टॉक में 15% की छलांग लगी और यह ₹183 के स्तर तक पहुंच गया, जो कि इसका पिछले एक साल का सबसे ऊंचा भाव भी है। इस मजबूत तेजी के […]

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Apollo Micro Systems: बुधवार को स्मॉलकैप डिफेंस कंपनी Apollo Micro Systems Ltd के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। ट्रेडिंग सत्र के दौरान इस स्टॉक में 15% की छलांग लगी और यह ₹183 के स्तर तक पहुंच गया, जो कि इसका पिछले एक साल का सबसे ऊंचा भाव भी है। इस मजबूत तेजी के पीछे एक अहम कारण कंपनी को मिला 113 करोड़ रुपये का नया एक्सपोर्ट ऑर्डर है।

नया ऑर्डर बना रैली की वजह

कंपनी ने एक्सचेंज को दी गई जानकारी में बताया कि उसे एक विदेशी ग्राहक से 113 करोड़ रुपये का बड़ा ऑर्डर मिला है। इस प्रोजेक्ट के तहत अपोलो माइक्रो एक अत्याधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम विकसित करेगी, जिसका इस्तेमाल सिविल और डिफेंस दोनों तरह के विमानों में किया जाएगा।Hero FinCorp IPO को सेबी की मंजूरी, ₹3,668 करोड़ जुटाने की तैयारी

हालांकि कंपनी ने इस प्रोजेक्ट के तकनीकी पहलुओं या ग्राहक की पहचान को उजागर नहीं किया है क्योंकि इसके लिए उन्होंने एक नॉन-डिस्क्लोजर एग्रीमेंट (NDA) साइन किया है, जिसके तहत कुछ जानकारियां गोपनीय रखी जानी जरूरी हैं।

शेयरधारकों के लिए डिविडेंड की खुशखबरी

बोर्ड मीटिंग में कंपनी ने यह भी ऐलान किया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए प्रति शेयर ₹0.25 का फाइनल डिविडेंड देने की मंजूरी दी गई है। इससे निवेशकों में और उत्साह देखने को मिला है।

IDL एक्सप्लोसिव्स का हुआ अधिग्रहण

मई की शुरुआत में अपोलो माइक्रो ने एक और बड़ी डील को अंजाम दिया। कंपनी ने IDL Explosives Limited की 100% हिस्सेदारी ₹107 करोड़ में खरीद ली। इस अधिग्रहण के साथ अब IDL पूरी तरह से अपोलो माइक्रो की स्वामित्व वाली इकाई बन गई है।

IDL एक्सप्लोसिव्स, खनन और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में उपयोग होने वाले विभिन्न प्रकार के विस्फोटकों का निर्माण और आपूर्ति करती है। इनमें पैकेज्ड विस्फोटक और बल्क एक्सप्लोसिव्स दोनों शामिल हैं, जो पत्थरों को तोड़ने या बड़े निर्माण कार्यों में मददगार साबित होते हैं।

ऑर्डर बुक मजबूत स्थिति में

कंपनी की मौजूदा ऑर्डर बुक भी मजबूती की ओर इशारा करती है। वित्त वर्ष के अंत में यह बढ़कर ₹615 करोड़ तक पहुंच गई है, जो दिसंबर तिमाही के अंत में ₹550 करोड़ थी। इसके अलावा, कंपनी को उम्मीद है कि आने वाली दो तिमाहियों में उसे भारत डायनेमिक्स लिमिटेड से QRSAM (क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल) से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट्स मिल सकते हैं।

निवेशकों के लिए क्या है संकेत?

इस तरह की खबरें दर्शाती हैं कि अपोलो माइक्रो सिस्टम्स अपनी तकनीकी क्षमता और रणनीतिक अधिग्रहणों के जरिए तेज़ी से आगे बढ़ रही है। मजबूत ऑर्डर बुक, विदेशी ऑर्डर की प्राप्ति और डिविडेंड की घोषणा से निवेशकों को भविष्य में अच्छे रिटर्न की उम्मीद बन सकती है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के लिए है। निवेश से पहले स्वयं शोध करें या विशेषज्ञ से सलाह लें। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन होता है।

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