Axis Bank Quarterly Results: Axis Bank ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे जारी किए, लेकिन नए क्रेडिट नियमों के चलते बैंक की कमाई में भारी गिरावट देखने को मिली। ताजा नियमों के तहत अब कर्जदारों को तब तक “स्टैंडर्ड” कैटेगरी में नहीं रखा जाएगा जब तक वह पूरी बकाया राशि चुका नहीं देते — यह बदलाव सीधे तौर पर बैंक की तिमाही लाभप्रदता को प्रभावित कर गया।
मुनाफा घटा ₹7,614 करोड़
बैंक ने बताया कि नए एसेट क्लासिफिकेशन और इनकम रिकग्निशन नॉर्म्स के कारण उसका तिमाही मुनाफा ₹7,614 करोड़ घट गया। इस गिरावट का असर ROA (रिटर्न ऑन एसेट) पर पड़ा जो 15 बेसिस प्वाइंट नीचे गया, वहीं ROE (रिटर्न ऑन इक्विटी) में भी 1.4 प्रतिशत की कमी देखी गई।
यह भी पढ़ें: HDFC Bank और ICICI Bank आज पेश करेंगे तिमाही नतीजे, ₹30,000 Cr से ज्यादा मुनाफे की उम्मीद
स्लिपेज में उछाल
बैंक की ग्रॉस स्लिपेज — यानी खराब ऋणों में तब्दील हुए लोन — 70% से अधिक बढ़कर ₹78,200 करोड़ हो गई। इस राशि में से 75% हिस्सेदारी असुरक्षित पर्सनल लोन की रही, जबकि शेष 25% एग्रीकल्चर लोन से संबंधित रही।
शेयर बाजार में गिरावट
Axis Bank के Q1FY26 तिमाही नतीजे आज शनिवार, 19 जुलाई को सुबह घोषित किए गए, जब भारतीय स्टॉक मार्केट बंद था। इसी के चलते शेयर मार्केट (NSE/BSE) पर इसका कोई तत्काल असर नहीं देखा गया।
हालाँकि, ये तिमाही परिणाम शुक्रवार, 18 जुलाई के सॉडल क्लोज के आसपास की स्थिति को प्रभावित करेंगे। उस दिन बैंक का शेयर ₹1,099 के करीब बंद हुआ था, जिसमें 5.3% की गिरावट दर्ज की गई और Bank Nifty लगभग 1% लुढ़क गया था।
विश्लेषकों की राय में इस गिरावट की बड़ी वजह बैंक की स्पष्ट भविष्य रणनीति की कमी और क्रेडिट लागत में तेज बढ़ोतरी रही — और आज के परिणाम ने इन चिंताओं को और बल दिया।
ब्रोकरेज हाउस का रुख
बाजार में मिलीजुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। ब्रोकरेज फर्म Nuvama ने Axis Bank की रेटिंग को ‘Buy’ से ‘Hold’ में डाउनग्रेड कर दिया है। साथ ही, शेयर का टारगेट प्राइस भी ₹21,410 से घटाकर ₹18,204 कर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि मार्जिन पर दबाव और क्रेडिट कॉस्ट में वृद्धि आने वाले समय में बैंक की ग्रोथ को प्रभावित कर सकती है।
विश्लेषकों की राय
विश्लेषकों के अनुसार, Axis Bank के इस कदम से जहां एक ओर पारदर्शिता और रेगुलेटरी अनुपालन मजबूत होगा, वहीं दूसरी ओर अल्पकालिक वित्तीय प्रदर्शन पर दबाव बढ़ेगा। बैंक की गाइडेंस में आक्रामक ग्रोथ का कोई स्पष्ट संकेत नहीं है, जिससे निवेशकों की चिंता और बढ़ गई है।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

