Bai Kakaji Polymers IPO: प्लास्टिक पैकेजिंग से जुड़े कारोबार में सक्रिय बाई काकाजी पॉलीमर्स लिमिटेड अब शेयर बाजार के SME सेगमेंट में अपनी एंट्री की तैयारी कर रही है। कंपनी निवेशकों से पूंजी जुटाने के लिए बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के तहत आईपीओ पेश कर रही है। इस इश्यू के जरिए कंपनी करीब 105 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिसमें केवल नए इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे।
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IPO की टाइमलाइन
कंपनी का सार्वजनिक निर्गम 23 दिसंबर से खुलेगा, जिसमें निवेशक 26 दिसंबर तक बोली लगा सकेंगे। शेयरों का आवंटन 29 दिसंबर के आसपास पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद 31 दिसंबर को कंपनी के शेयर BSE SME प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध हो सकते हैं। SME कैटेगरी में लिस्टिंग के चलते यह इश्यू हाई वैल्यू निवेशकों के बीच खास चर्चा में है।
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कितनी कीमत पर मिलेगा शेयर
बाई काकाजी पॉलीमर्स ने अपने शेयरों के लिए 177 से 186 रुपये का प्राइस बैंड तय किया है। एक लॉट में 600 शेयर रखे गए हैं। रिटेल निवेशकों को कम से कम दो लॉट के लिए आवेदन करना होगा, यानी कुल 1,200 शेयर। ऊपरी प्राइस बैंड के हिसाब से इसके लिए लगभग 2.23 लाख रुपये की जरूरत होगी। वहीं, नॉन-रिटेल यानी HNI कैटेगरी में न्यूनतम निवेश इससे अधिक रखा गया है।
IPO का मैनेजमेंट कौन कर रहा है
इस इश्यू की लीड मैनेजमेंट जिम्मेदारी हेम सिक्योरिटीज लिमिटेड को सौंपी गई है। वहीं, शेयर अलॉटमेंट और अन्य तकनीकी प्रक्रियाओं को संभालने का काम माशितला सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड करेगी। बाजार में लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए कंपनी ने एक मार्केट मेकर भी नियुक्त किया है।
कंपनी क्या बनाती है
बाई काकाजी पॉलीमर्स मुख्य रूप से PET प्रिफॉर्म, बोतल कैप्स और क्लोजर्स के निर्माण में लगी हुई है। इसके उत्पादों का उपयोग पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर, सॉफ्ट ड्रिंक्स, जूस और डेयरी जैसे सेक्टर्स में होता है। कंपनी की उत्पादन इकाइयां महाराष्ट्र के लातूर में स्थित हैं, जहां बड़े स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग की जाती है।
कंपनी के प्लांट में अत्याधुनिक मशीनों और टेस्टिंग उपकरणों का इस्तेमाल होता है, जिससे प्रोडक्ट क्वालिटी और उत्पादन क्षमता दोनों पर बेहतर नियंत्रण बना रहता है।
फाइनेंशियल स्थिति और फंड का उपयोग
हालिया वित्तीय आंकड़ों पर नजर डालें तो कंपनी के कारोबार में स्थिर वृद्धि देखने को मिली है। राजस्व में इजाफे के साथ-साथ मुनाफे में भी मजबूत उछाल दर्ज किया गया है। आईपीओ से मिलने वाली राशि का बड़ा हिस्सा कंपनी अपने मौजूदा कर्ज को कम करने में लगाएगी।
इसके अलावा, नई मशीनरी लगाने, उत्पादन क्षमता बढ़ाने और सोलर पावर प्रोजेक्ट शुरू करने की भी योजना है, ताकि बिजली लागत पर नियंत्रण रखा जा सके। बची हुई रकम को रोजमर्रा की कॉरपोरेट जरूरतों में इस्तेमाल किया जाएगा।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है, निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।


