Bank of Baroda Q2 Results: सार्वजनिक क्षेत्र के प्रमुख बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा ने सितंबर 2025 तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। दूसरी तिमाही में बैंक का शुद्ध मुनाफा घटा है, लेकिन नेट इंट्रेस्ट इनकम (NII) में हल्की बढ़त और एसेट क्वालिटी में सुधार देखने को मिला है। बाजार बंद होने से पहले शुक्रवार के सत्र में बैंक का शेयर लगभग 2% की तेजी के साथ ₹278 के आसपास बंद हुआ।
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मुनाफे में गिरावट, फिर भी स्थिर प्रदर्शन
बैंक ऑफ बड़ौदा का तिमाही मुनाफा ₹5,237 करोड़ से घटकर ₹4,809 करोड़ रह गया। यानी सालाना आधार पर 8.2% की कमी दर्ज हुई है। हालांकि मुनाफे में यह गिरावट बैंक की अन्य आय (Non-Interest Income) में कमी के कारण आई, फिर भी बैंक का परिचालन प्रदर्शन स्थिर रहा है।
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ब्याज आय में बढ़ोतरी, खर्च में भी इजाफा
सितंबर तिमाही में बैंक की नेट इंट्रेस्ट इनकम (NII) बढ़कर ₹11,954 करोड़ हो गई, जो पिछले साल ₹11,637 करोड़ थी। यानी करीब 2.8% की बढ़त। वहीं कुल ब्याज आय 4.1% बढ़कर ऊपरी स्तर पर रही, जबकि ब्याज खर्च 4.9% बढ़ने से नेट मार्जिन पर मामूली असर पड़ा।
एनपीए के मोर्चे पर सुधार
बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार देखा गया है। तिमाही दर तिमाही आधार पर ग्रॉस एनपीए घटकर 2.16% पर आ गया, जो पिछली तिमाही में 2.28% था। इसी तरह नेट एनपीए भी 0.60% से गिरकर 0.57% पर पहुंच गया। यह सुधार बैंक की बेहतर रिकवरी और लोन प्रबंधन नीतियों को दर्शाता है।
डिपॉजिट और लोन बुक में अच्छी ग्रोथ
बैंक का ग्लोबल डिपॉजिट पिछले साल की तुलना में 9.3% बढ़कर ₹13.72 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। वहीं ग्लोबल एडवांस (लोन बुक) में 11.9% की तेजी दर्ज की गई है, जो अब ₹11.43 लाख करोड़ पर है। इन आंकड़ों से साफ है कि बैंक की कोर लेंडिंग ग्रोथ मजबूत बनी हुई है।
नॉन-इंट्रेस्ट इनकम में तेज गिरावट
हालांकि, बैंक की नॉन-इंट्रेस्ट इनकम में 32% की कमी आई है, जिससे कुल मुनाफे पर दबाव पड़ा है। ट्रेडिंग इनकम और फीस आधारित कमाई में गिरावट इसके मुख्य कारण रहे। फिर भी बैंक की पूंजी स्थिति मजबूत है। कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो (CAR) इस तिमाही में 16.26% पर रहा, जो पिछले साल के 16.54% के मुकाबले थोड़ा कम है, लेकिन अब भी आरामदायक स्तर पर है।
फंडिंग कॉस्ट में गिरावट से राहत
बैंक ने बताया कि ग्लोबल डिपॉजिट की लागत 5% से नीचे और इंटरनेशनल डिपॉजिट की लागत 4% से नीचे आ गई है। यानी बैंक की फंडिंग कॉस्ट में कमी आई है, जो आगे चलकर नेट मार्जिन को सपोर्ट कर सकती है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल शैक्षणिक और सूचनात्मक उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। इसमें निवेश संबंधी कोई सलाह नहीं दी गई है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है, इसलिए किसी भी निवेश निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

