Banking Stocks: बुधवार, 1 अक्टूबर को भारतीय शेयर बाजार में बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों में तेज उछाल देखा गया। RBI द्वारा घोषित नई बैंकिंग नीतियों के बाद Nifty Bank इंडेक्स ने 650 अंक से अधिक की बढ़त दर्ज की और 55,000 के स्तर को पार करते हुए 55,300 के करीब पहुंच गया।
यह भी पढ़ें: सिर्फ 6 महीनों में 170% का उछाल! Netweb Technologies ने निवेशकों को किया मालामाल
यह भी पढ़ें :Toyota Kirloskar IPO News: भारत में लिस्टिंग की तैयारी, 700-800 मिलियन डॉलर जुटाने की योजना
RBI के नए उपाय
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैंकिंग सेक्टर के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। इसमें प्रमुख है Expected Credit Loss (ECL) फ्रेमवर्क को अप्रैल 2027 से लागू करना, जिसमें मार्च 2031 तक संक्रमणकालीन अवधि दी गई है। इसके अलावा Basel-III Capital Adequacy Norms में संशोधन किया गया और MSMEs तथा आवासीय ऋणों पर जोखिम भार घटाया गया।
क्रेडिट प्रवाह बढ़ाने के कदम
RBI ने बैंकिंग क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं:
- भारतीय बैंकों को कॉर्पोरेट अधिग्रहणों के वित्तपोषण की अनुमति देना
- सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों के खिलाफ ऋण देने पर नियामक सीमा हटाना
- शेयरों के खिलाफ ऋण सीमा को 7.2 करोड़ से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये प्रति व्यक्ति करना
- IPO फाइनेंसिंग सीमा को 7.1 करोड़ से बढ़ाकर 25 लाख प्रति व्यक्ति करना
बैंकिंग शेयरों में तेजी
इन नीतिगत बदलावों के असर से प्रमुख बैंक जैसे ICICI Bank, HDFC Bank और Axis Bank के शेयरों में 2% से 2.5% तक की बढ़त देखने को मिली। Nifty 50 इंडेक्स भी इस रैली से प्रभावित हुआ और 24,800 के स्तर के आसपास कारोबार कर रहा था।
विशेषज्ञों की राय
विश्लेषकों के अनुसार, RBI की नई नीतियां बैंकिंग सेक्टर को दीर्घकालीन स्थिरता और विकास प्रदान करेंगी। MSMEs और घर खरीदारों के लिए आसान ऋण उपलब्ध होने से क्रेडिट फ्लो में सुधार होगा। Expected Credit Loss फ्रेमवर्क से बैंकों को संभावित नुकसान का पूर्वानुमान लगाने और जोखिम प्रबंधन में मदद मिलेगी।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।