Crypto Regulation India: भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लंबे समय से असमंजस की स्थिति बनी हुई है, लेकिन अब सरकार इस दिशा में ठोस और संतुलित कदम उठाने की तैयारी कर रही है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार एक अहम दस्तावेज — चर्चा पत्र (Discussion Paper) — पर काम लगभग पूरा कर चुकी है। यह दस्तावेज़ जल्द ही आम जनता और विशेषज्ञों की राय जानने के लिए सार्वजनिक किया जाएगा।
इस नए पेपर में भारत की क्रिप्टो नीति के भविष्य की झलक मिलेगी। इसके ज़रिए सरकार एक ऐसी रूपरेखा तैयार करना चाहती है जो तकनीकी नवाचार को बढ़ावा दे, लेकिन साथ ही आर्थिक स्थिरता और निवेशकों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करे।
वैश्विक अनुभवों से मिलेगी दिशा
इस नीति निर्माण प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण को भी गंभीरता से शामिल किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB) जैसे वैश्विक संगठनों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और सिफारिशों को आधार बनाया गया है। भारत का मकसद सिर्फ घरेलू समाधान खोजना नहीं है, बल्कि ऐसी नीति तैयार करना है जो वैश्विक स्तर पर भी स्वीकार्य और व्यावहारिक हो।Infosys foreign revenue: विदेशी रेवेन्यू में इंफोसिस ने मारी बाज़ी, ग्लोबल IT सेक्टर में कायम किया दबदबा
टैक्स है, लेकिन वैधता नहीं
भले ही भारत में 2022 से क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर 30% टैक्स और 1% TDS जैसे कड़े कर नियम लागू हैं, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता मिल गई है। सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि टैक्स लगाना केवल आय पर नियंत्रण का हिस्सा है, न कि वैधता का संकेत।
इसके अतिरिक्त, भारत में कोई भी क्रिप्टो एक्सचेंज तभी वैध रूप से काम कर सकता है जब वह Financial Intelligence Unit (FIU) के साथ पंजीकृत हो। इससे यह सुनिश्चित होता है कि धन शोधन जैसी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
G20 के दौरान भारत की अहम भूमिका
भारत ने 2023 में G20 की अध्यक्षता के दौरान क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वैश्विक समन्वय की दिशा में बड़ा योगदान दिया। नई दिल्ली में हुए G20 शिखर सम्मेलन में यह सहमति बनी कि क्रिप्टो पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बजाय एक मजबूत नियामक ढांचा विकसित किया जाएगा, जो इनोवेशन और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए।
अब क्या होगा?
सरकार का आगामी चर्चा पत्र इस दिशा में बड़ा कदम होगा। इसे सभी संबंधित पक्षों — जैसे निवेशक, स्टार्टअप, नीति विशेषज्ञ और आम नागरिक — से सुझाव लेने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है। इसके ज़रिए सरकार एक ऐसी नीति बनाना चाहती है जो देश की आर्थिक आवश्यकताओं के अनुसार क्रिप्टो को सुरक्षित रूप से प्रबंधित कर सके।
सरकार की प्राथमिकता है कि भारत डिजिटल संपत्तियों के क्षेत्र में पीछे न रहे, लेकिन साथ ही देश की वित्तीय प्रणाली को जोखिम में भी न डाले। इसलिए यह दस्तावेज़ देश के डिजिटल फाइनेंस भविष्य की नींव साबित हो सकता है।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।