Crypto Tax Rules 2025: देशभर में तेजी से बढ़ रहे क्रिप्टो निवेशकों के लिए अब टैक्स नियमों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। आयकर विभाग ने उन निवेशकों के खिलाफ सख्ती शुरू कर दी है, जिन्होंने डिजिटल एसेट्स में पैसा लगाया लेकिन इसकी जानकारी अपने इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दी।
हजारों निवेशकों को भेजे गए नोटिस
आयकर विभाग ने हाल ही में ऐसे हजारों लोगों की पहचान की है जिन्होंने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) जैसे क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन तो किया, लेकिन उससे हुई आय का ज़िक्र अपने टैक्स रिटर्न में नहीं किया। सूत्रों के मुताबिक, ऐसे 1000 से ज्यादा हाई-रिस्क मामलों में नोटिस जारी किए गए हैं।
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इनमें अधिकतर केस असेसमेंट ईयर 2023-24 और 2024-25 से जुड़े हैं। विभाग को शक है कि कुछ निवेशकों ने बेहिसाब आय को छिपाकर इसे डिजिटल एसेट्स में लगाया है, जिससे टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका बढ़ गई है।
TDS डेटा से पकड़ी गड़बड़ी
आयकर अधिकारियों ने क्रिप्टो एक्सचेंज से मिले TDS डेटा का मिलान इन निवेशकों के ITR से किया। जांच में सामने आया कि कई लोगों ने या तो क्रिप्टो से हुई आय का कोई ज़िक्र ही नहीं किया या फिर जानबूझकर गलत जानकारी दी।
ऐसे सभी मामलों में टैक्स विभाग ने संबंधित व्यक्तियों को ई-मेल और नोटिस भेजकर सलाह दी है कि वे समय रहते अपडेटेड रिटर्न भरें और टैक्स जमा करें, वरना उनके खिलाफ स्क्रूटनी और अन्य कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
30% टैक्स से नहीं बच सकते क्रिप्टो इन्वेस्टर
इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली किसी भी कमाई पर 30% टैक्स अनिवार्य है, जिसके साथ सरचार्ज और सेस भी लागू होते हैं। ऐसे में यदि कोई निवेशक इन नियमों को नजरअंदाज करता है, तो उसे भारी जुर्माना या कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
CBDT (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़) ने यह स्पष्ट कर दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी के जरिए टैक्स चोरी करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। विभाग सभी डिफॉल्टर्स को सुधार का मौका दे रहा है, लेकिन आखिरी तारीख के बाद कार्रवाई तय है।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।