Defence Sector Stocks: ब्रोकरेज की ताज़ा रिपोर्ट में ये 3 डिफेंस शेयर बने टॉप पिक्स, मजबूत रिटर्न की उम्मीद

Defence Sector Stocks: डिफेंस से जुड़े शिपबिल्डिंग शेयरों में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। ब्रोकरेज फर्म Phillip Capital ने भारत की तीन प्रमुख शिपयार्ड कंपनियों Mazagon Dock Shipbuilders, Cochin Shipyard और Garden Reach Shipbuilders (GRSE) को लेकर पॉजिटिव नजरिया अपनाया है। ब्रोकरेज का मानना है कि मौजूदा स्तरों पर इन शेयरों में […]

Defence Sector Stocks में Mazagon Dock, Cochin Shipyard और Garden Reach Shipbuilders पर ब्रोकरेज की नई रिपोर्ट

Defence Sector Stocks: डिफेंस से जुड़े शिपबिल्डिंग शेयरों में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। ब्रोकरेज फर्म Phillip Capital ने भारत की तीन प्रमुख शिपयार्ड कंपनियों Mazagon Dock Shipbuilders, Cochin Shipyard और Garden Reach Shipbuilders (GRSE) को लेकर पॉजिटिव नजरिया अपनाया है। ब्रोकरेज का मानना है कि मौजूदा स्तरों पर इन शेयरों में लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बेहतर अवसर बन रहा है।

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Phillip Capital के मुताबिक, हालिया गिरावट के बाद इन कंपनियों के वैल्यूएशन अब ज्यादा संतुलित नजर आ रहे हैं। इसी आधार पर ब्रोकरेज ने तीनों शेयरों पर खरीद की सलाह दी है और आने वाले समय में मजबूत रिटर्न की संभावना जताई है।

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टारगेट प्राइस से झलकता भरोसा

रिपोर्ट के अनुसार, Mazagon Dock Shipbuilders के शेयर के लिए ₹3,200 का अनुमानित मूल्य रखा गया है। यह मौजूदा बाजार भाव से अच्छी बढ़त का संकेत देता है। वहीं Garden Reach Shipbuilders के लिए ₹2,800 का लक्ष्य दिया गया है, जिससे शेयर में करीब एक चौथाई तक की तेजी की गुंजाइश बनती है।

इन तीनों में Cochin Shipyard को लेकर ब्रोकरेज सबसे ज्यादा आशावादी दिखा है। Phillip Capital का मानना है कि इस शेयर में करीब 40 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल देखने को मिल सकता है और इसके लिए ₹2,175 का स्तर अहम माना गया है।

करेक्शन के बाद बना निवेश का मौका

पिछले कुछ समय में डिफेंस शिपबिल्डिंग शेयरों में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। Mazagon Dock, Cochin Shipyard और GRSE अपने-अपने रिकॉर्ड उच्च स्तरों से काफी नीचे आ चुके हैं। ब्रोकरेज का कहना है कि यह गिरावट कमजोरी नहीं, बल्कि लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एंट्री का मौका हो सकती है।

Phillip Capital के मुताबिक, ऑर्डर बुक की मजबूती और सरकार की नीति समर्थन को देखते हुए इन कंपनियों की कमाई की दृश्यता बनी हुई है।

क्यों अहम है डिफेंस शिपबिल्डिंग सेक्टर

ब्रोकरेज का मानना है कि भारत का डिफेंस शिपबिल्डिंग सेक्टर बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। आने वाले वर्षों में यह सेक्टर केवल सरकारी ऑर्डर्स तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि रणनीतिक मैन्युफैक्चरिंग का अहम हिस्सा बनेगा।

भारत का अधिकांश विदेशी व्यापार समुद्री रास्तों से होता है, इसके बावजूद वैश्विक जहाज निर्माण में देश की हिस्सेदारी काफी कम है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दशकों में भारत को इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर मजबूत खिलाड़ी बनाया जाए। इसी दिशा में मैरिटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर और डिफेंस प्रोडक्शन पर बड़ा फोकस किया जा रहा है।

ऑर्डर पाइपलाइन और एक्सपोर्ट से सपोर्ट

Phillip Capital का कहना है कि नेवी से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं। बड़ी संख्या में नए जहाजों के निर्माण की योजना और घरेलू कंपनियों को प्राथमिकता मिलने से इन शिपयार्ड्स को लंबे समय तक काम मिलने की उम्मीद है।

इसके अलावा, भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट भी लगातार बढ़ रहा है, जिससे आने वाले वर्षों में इन कंपनियों के लिए नए अवसर खुल सकते हैं।

जोखिम भी नजरअंदाज नहीं

हालांकि ब्रोकरेज ने यह भी साफ किया है कि इस सेक्टर में कुछ चुनौतियां बनी रह सकती हैं। प्रोजेक्ट्स में देरी, लागत बढ़ना, टेक्नोलॉजी से जुड़ी दिक्कतें और पॉलिसी बदलाव जैसे जोखिमों पर निवेशकों को नजर रखनी चाहिए।

डिस्क्लेमर: यह खबर केवल जानकारी के उद्देश्य से है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें।

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