Bharat Forge: सप्ताह के पहले कारोबारी दिन Bharat Forge के शेयर दबाव में नज़र आए। ट्रेडिंग के दौरान स्टॉक लगभग 1 प्रतिशत टूटकर 1,382 रुपये के इंट्राडे स्तर तक फिसल गया। बाजार विशेषज्ञ इस गिरावट की मुख्य वजह वैश्विक ब्रोकरेज UBS की नकारात्मक रेटिंग को मान रहे हैं, जिसने शेयर को ‘सेल’ श्रेणी में रखते हुए आगे और कमजोरी की संभावना जताई है।
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UBS का अनुमान: शेयर में और 12% तक कमजोरी संभव
UBS ने Bharat Forge पर 1,230 रुपये का लक्ष्य मूल्य जारी किया है। यह लेवल मौजूदा कीमतों की तुलना में लगभग 12 प्रतिशत की संभावित गिरावट दिखाता है।
ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषण के अनुसार, कंपनी की द्वितीय तिमाही के नतीजों के बाद प्रबंधन की टिप्पणी ने संकेत दिए कि तीसरी तिमाही का प्रदर्शन कमजोर रह सकता है। हालांकि, कंपनी को उम्मीद है कि चौथी तिमाही से मांग में सुधार दिखने लगेगा।
UBS ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि दूसरी तिमाही में कंपनी के ऑटो सेगमेंट का प्रदर्शन उम्मीद से नीचे रहा, जबकि डिफेंस डिविजन ने बेहतर ग्रोथ दर्ज की। लागत प्रबंधन मजबूत रहने से मार्जिन स्थिर बने रहे।
एयरोस्पेस कारोबार पर कंपनी का भरोसा
Bharat Forge का मानना है कि आने वाले वर्षों में उसका एयरोस्पेस सेगमेंट तेज़ी से विस्तार करेगा। प्रबंधन के अंदाज के मुताबिक, यह कारोबार वित्त वर्ष 2026 तक करीब 40 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है। कंपनी की उम्मीद है कि अगले तीन से चार सालों दौरान इस सेगमेंट में तेजी बनी रहेगी।
वर्तमान में डिफेंस बिजनेस कंपनी की कुल आय में लगभग 10 से 12 प्रतिशत का योगदान देता है। प्रबंधन ने लक्ष्य रखा है कि वर्ष 2030 तक इसका हिस्सा बढ़ाकर करीब 20 प्रतिशत तक कर दिया जाए।
शॉर्ट-टर्म आउटलुक कमजोर
निकट अवधि की बात करें तो ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी का अल्पकालिक दृष्टिकोण बहुत मजबूत नहीं है। प्रबंधन भारत में अपने परिचालन को विस्तार देने और संभावित अधिग्रहण के जरिए कारोबार बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है।
डिफेंस से जुड़े आदेशों में कंपनी के पास फिलहाल लगभग 1,100 करोड़ रुपये का बैकलॉग है। इसके अलावा, भारत में कार्बाइन से जुड़े 140 करोड़ रुपये के अतिरिक्त ऑर्डर को अभी इन आंकड़ों में शामिल नहीं किया गया है।
यूरोपीय स्टील बिजनेस में बदलाव की तैयारी
UBS ने अपनी रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया है कि Bharat Forge अपने यूरोप स्थित स्टील कारोबार की समीक्षा कर रही है। प्रबंधन यहां बड़े बदलाव या पुनर्गठन का विकल्प देख रहा है, जिसके बारे में विस्तृत जानकारी वित्त वर्ष के अंत तक आने की उम्मीद है।
FII की हिस्सेदारी में कमी
विदेशी निवेशकों ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम की है। Trendlyne के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 तिमाही में FII की हिस्सेदारी 14.37% से घटकर 13.62% रह गई है। विश्लेषकों के अनुसार, यह भी अल्पकालिक दबाव का एक संकेत हो सकता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सामान्य बाजार अपडेट के लिए है। यह किसी प्रकार की निवेश सलाह नहीं है। बाजार में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

