Defence Stocks में मुनाफावसूली: HAL और मझगांव डॉक 3% तक गिरे, जानें वजह

Defence Stocks: डिफेंस सेक्टर के शेयरों में बीते लंबे समय से चली आ रही रैली पर सोमवार, 19 मई को ब्रेक लग गया। निवेशकों ने भारी मुनाफे के बाद अब प्रॉफिट बुकिंग शुरू कर दी है, जिसका सीधा असर HAL और मझगांव डॉक जैसे दिग्गज स्टॉक्स पर पड़ा। कारोबार की शुरुआत में ही इन दोनों […]

HAL और मझगांव डॉक के शेयरों में गिरावट, डिफेंस सेक्टर में मुनाफावसूली

Defence Stocks: डिफेंस सेक्टर के शेयरों में बीते लंबे समय से चली आ रही रैली पर सोमवार, 19 मई को ब्रेक लग गया। निवेशकों ने भारी मुनाफे के बाद अब प्रॉफिट बुकिंग शुरू कर दी है, जिसका सीधा असर HAL और मझगांव डॉक जैसे दिग्गज स्टॉक्स पर पड़ा। कारोबार की शुरुआत में ही इन दोनों कंपनियों के शेयरों में 3% तक की गिरावट दर्ज की गई।

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस गिरावट के पीछे प्रमुख कारण है—शेयरों का हाई वैल्यूएशन और हाल के तगड़े मुनाफे के बाद निवेशकों की सतर्कता। बीते कुछ महीनों में डिफेंस सेक्टर के शेयरों ने जबरदस्त रिटर्न दिया है। सरकारी डिफेंस ऑर्डर्स, स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा और पॉजिटिव नीतियों के चलते इस सेक्टर में जबरदस्त तेजी देखी गई थी। लेकिन अब बाजार में ‘सस्टेनेबिलिटी’ और सही दाम पर निवेश को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

HAL, मझगांव डॉक, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL), डेटा पैटर्न्स और कोचीन शिपयार्ड जैसी कंपनियों के शेयरों में लगातार तेजी से उनके वैल्यूएशन अब काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच चुके हैं। ऐसे में कई निवेशकों ने रिस्क से बचने के लिए मुनाफा बुक करना बेहतर समझा।https://bazaarbits.com/robert-kiyosaki-2025-economic-crisis-warning/

इंडिया डिफेंस इंडेक्स में आज करीब 0.5% की गिरावट देखने को मिली। ट्रेडर्स का कहना है कि टेक्निकल चार्ट्स भी शेयरों के ओवरबॉट जोन में पहुंचने का संकेत दे रहे थे। इस कारण पहले से ही एक करेक्शन की आशंका थी, जो अब सामने आई है।

Defence Stocks मझगांव डॉक और HAL ने हाल ही में अपने तिमाही नतीजे पेश किए थे। इन कंपनियों का प्रदर्शन मजबूत रहा, लेकिन शेयर पहले से ही ऊंचे स्तर पर ट्रेड कर रहे थे, जिससे इन नतीजों का बहुत अधिक पॉजिटिव असर देखने को नहीं मिला। इसके उलट, नतीजों के बाद निवेशकों ने मुनाफा बुक कर लिया।

इस गिरावट के बावजूद, बाजार में लंबी अवधि के लिए डिफेंस सेक्टर को लेकर धारणा सकारात्मक बनी हुई है। सरकार का जोर आत्मनिर्भर भारत और ‘मेक इन इंडिया’ पर है, जिससे आने वाले समय में इस क्षेत्र में नए ऑर्डर और विस्तार की संभावना है।

फिलहाल बाजार में कुछ समय के लिए अस्थिरता बनी रह सकती है, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो यह गिरावट किसी बड़े खतरे का संकेत नहीं है, बल्कि सेहतमंद करेक्शन माना जा सकता है। दीर्घकालिक निवेशकों को पैनिक करने की जरूरत नहीं है, लेकिन शॉर्ट टर्म में सतर्क रहना जरूरी है।

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