Dollar vs Rupee: भारतीय रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 8 पैसे की बढ़त के साथ 86.33 पर खुला। यह मजबूती बुधवार के बंद स्तर 86.41 के मुकाबले आई है, जब रुपया लगातार छह कारोबारी सत्रों तक गिरावट झेलने के बाद कमजोर स्थिति में पहुंच गया था।
बीते हफ्तों में रहा दबाव
पिछले कुछ दिनों में रुपये पर लगातार दबाव देखने को मिला था, जिसका मुख्य कारण बाजार में सतर्क निवेश भावना और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं रही हैं। विदेशी संस्थागत निवेशक भी रक्षात्मक रुख अपना रहे हैं, जिससे रुपये की चाल पर असर पड़ा। हालांकि आज की शुरुआत ने उम्मीद जताई है कि आगे चलकर कुछ राहत देखने को मिल सकती है।
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अमेरिकी ब्याज दर निर्णय पर टिकी निगाहें
विश्लेषकों का मानना है कि अब बाजार की निगाहें अमेरिका की अगली ब्याज दर नीति (Interest Rate Decision) पर टिकी हुई हैं। फेडरल रिज़र्व द्वारा की जाने वाली अगली घोषणा से मुद्रा बाज़ारों में तेज़ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। यह फैसला रुपये की दिशा तय करने में एक बड़ा फैक्टर बन सकता है।
संभावित ट्रेडिंग रेंज
करेंसी मार्केट से जुड़े विशेषज्ञों का अनुमान है कि आगामी कुछ सत्रों में रुपया 85.80 से 86.70 के बीच कारोबार कर सकता है। बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह माना जा रहा है कि जब तक फेड की ओर से कोई बड़ा फैसला नहीं आता, तब तक रुपये में सीमित दायरे में हलचल बनी रहेगी।
ग्लोबल फैक्टर्स की भूमिका अहम
रुपये की चाल सिर्फ घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक संकेतकों से भी प्रभावित होती है — जैसे कच्चे तेल की कीमतें, डॉलर इंडेक्स में उतार-चढ़ाव और वैश्विक जियोपॉलिटिकल घटनाक्रम। ऐसे में आगे भी रुपये की स्थिरता इन कारकों पर निर्भर करेगी।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।