Stock Alert: एयरपोर्ट सर्विस एग्रीगेशन कंपनी DreamFolks ने वैश्विक बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत करने के उद्देश्य से दुबई स्थित ETT Solutions DMCC में बहुमत हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है। कंपनी करीब 4 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश कर ETT में 60.24% स्टेक हासिल करेगी। यह सौदा प्राइमरी और सेकेंडरी, दोनों तरह के शेयर सब्सक्रिप्शन के माध्यम से पूरा किया जाएगा। लेन-देन पूरा होने के बाद ETT, DreamFolks की विदेशी सहायक कंपनी बन जाएगी।
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ETT की ग्लोबल मौजूदगी
“Easy to Travel” ब्रांड के तहत ETT एयरपोर्ट लाउंज, फास्ट-ट्रैक इमिग्रेशन, वीआईपी असिस्टेंस और अन्य प्रीमियम ट्रैवल सेवाओं का संचालन करती है। कंपनी का नेटवर्क 120 से अधिक देशों और 500+ एयरपोर्ट्स में फैला है। DreamFolks इससे अपने अंतरराष्ट्रीय पोर्टफोलियो को व्यापक बनाने की उम्मीद कर रही है।
वित्तीय प्रदर्शन में सुधार
ETT ने FY24 में कोई रेवेन्यू दर्ज नहीं किया था, लेकिन FY25 में कंपनी का प्रदर्शन तेजी से सुधरा है।
- पहले 10 महीनों में रेवेन्यू: 7.6 मिलियन AED
- शुद्ध लाभ: 0.8 मिलियन AED
ये आंकड़े संकेत देते हैं कि ETT स्केलिंग फेज में है और बिजनेस तेजी से आगे बढ़ रहा है।
अधिग्रहण के पीछे कंपनी की रणनीति
DreamFolks ने कहा है कि यह सौदा अंतरराष्ट्रीय विस्तार और बिजनेस विविधीकरण के लिए अहम कदम है। कंपनी के अनुसार इस अधिग्रहण से तीन प्रमुख लाभ होंगे:
भौगोलिक विस्तार
ETT पहले से ही UAE, यूके, तुर्की, हांगकांग और सिंगापुर जैसे बाजारों में सक्रिय है। DreamFolks का मानना है कि इन क्षेत्रों में कंपनी को ऑपरेशनल बढ़त मिलेगी।
क्लाइंट बेस मजबूत होगा
ETT के मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट और पार्टनरशिप DreamFolks की ग्राहक पहुंच को बढ़ाएंगे। इससे कंपनी के पोर्टफोलियो में विविधता आएगी।
टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन
दोनों कंपनियों के डिजिटल सिस्टम जोड़ने की योजना है, जिससे सेवा वितरण और तेज व ऑटोमेटेड हो सकेगा।
डील की समयसीमा
कंपनी ने बताया कि अधिग्रहण पूरा होने में लगभग 120 कार्य दिवस का समय लग सकता है। यह FEMA नियमों के तहत ODI फाइलिंग और DMCC अथॉरिटी की औपचारिक स्वीकृतियों पर निर्भर करेगा।
शेयर में हल्की बढ़त, लंबे समय में दबाव बरकरार
घोषणा के बाद DreamFolks का शेयर 120 रुपये के पास खुला और शुरुआती ट्रेड में 130 रुपये के करीब पहुंच गया। हालांकि पिछले तीन वर्षों में स्टॉक करीब 70 फीसदी तक टूट चुका है। एफआईआई और डीआईआई की हिस्सेदारी में भी लगातार गिरावट देखने को मिली है।
डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी के लिए है। इसमें दी गई किसी भी बात को निवेश सलाह न माना जाए। निवेश का निर्णय अपनी शोध और वित्तीय सलाहकार की राय के आधार पर करें।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

