FD Rates Comparison 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति में एक और बड़ा बदलाव करते हुए रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। यह साल की तीसरी कटौती है, जिससे कर्ज सस्ता तो हुआ है लेकिन बचत पर मिलने वाले ब्याज में भी कमी का असर दिखने लगा है। इसका सीधा असर बैंक एफडी (Fixed Deposit) की ब्याज दरों पर पड़ा है। कई बैंकों ने अपनी एफडी योजनाओं की दरें घटा दी हैं। ऐसे माहौल में एफडी करने से पहले जानना जरूरी है कि अब कौन सा बैंक कितना रिटर्न दे रहा है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र: कम अवधि में ज़्यादा रिटर्न
बैंक ऑफ महाराष्ट्र फिलहाल उन चुनिंदा बैंकों में है जो FD पर अपेक्षाकृत बेहतर ब्याज दे रहा है। 366 दिनों की डिपॉजिट पर ग्राहकों को 7.15% ब्याज मिल रहा है, जो इस समय सबसे ऊंचा है। इसके अलावा, एक साल के लिए बैंक 6.25%, तीन साल के लिए 6.30% और पांच साल की योजना पर 6.25% की दर से ब्याज देता है।
SBI: सबसे बड़ी एफडी स्कीम 444 दिनों की
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI की 444 दिनों की स्पेशल एफडी स्कीम खास ध्यान खींच रही है, जिसमें बैंक 6.60% ब्याज ऑफर कर रहा है। अगर आप एक साल की एफडी लेते हैं, तो वहां ब्याज दर 6.25% है। तीन साल की योजना पर रिटर्न 6.30% और पांच साल की FD पर 6.05% तक है। यह बैंक बड़े निवेशकों और सीनियर सिटिज़न के लिए भरोसेमंद विकल्प बना हुआ है।
यह भी पढ़ें: Icon Facilitators IPO 2025: ₹19.11 करोड़ का SME इश्यू 24 जून से खुलेगा – जानें प्राइस बैंड और निवेश योग्यता
PNB: मध्यम अवधि के निवेशकों के लिए आकर्षक
पंजाब नेशनल बैंक की 444 दिनों की एफडी पर ब्याज दर 7.05% है, जो इसे प्रतिस्पर्धी बनाता है। एक साल की डिपॉजिट पर 6.10%, तीन साल के निवेश पर 6% और पांच साल की FD पर बैंक 6.35% का रिटर्न दे रहा है। जो निवेशक थोड़ा लंबा निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह एक संतुलित विकल्प हो सकता है।
एफडी प्लान चुनने से पहले क्या करें?
एफडी में निवेश करने से पहले कुछ अहम बातों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। सबसे पहले अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरों की न सिर्फ सालाना बल्कि विभिन्न अवधियों के अनुसार भी तुलना करें। यह देखना भी जरूरी है कि आपकी लिक्विडिटी यानी नकदी की जरूरतें क्या हैं—क्या निवेश के दौरान आपको बीच में पैसों की आवश्यकता पड़ सकती है? इसके अलावा, एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स और टीडीएस का क्या असर होगा, यह समझना जरूरी है। यदि आप वरिष्ठ नागरिक हैं, तो कई बैंक आपकी उम्र के हिसाब से विशेष ब्याज दरें भी ऑफर करते हैं, जिनका लाभ जरूर उठाना चाहिए।
समझदारी से करें निवेश
रेपो रेट में कटौती का असर जहां कर्जदारों के लिए राहत है, वहीं एफडी करने वालों के लिए थोड़ा नुकसानदेह हो सकता है। ऐसे में एक होशियार निवेशक वही होगा जो मौजूदा हालात को समझते हुए सही बैंक, सही अवधि और सही योजना का चुनाव करे। निवेश से पहले ब्याज दरों और शर्तों की गहराई से तुलना करना आज के समय में और भी ज़रूरी हो गया है।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।