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FII ने बदला रुख: शेयर बाजार में नए सेक्टर्स में किया निवेश

FII investment in Indian stock market with rising candlestick chart and financial graph

FII निवेश शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का रुख अचानक बदल गया है। जहां कुछ सेक्टरों में इन्वेस्टर्स की दिलचस्पी कम हो रही है, वहीं कई क्षेत्रों में नई खरीदारी से हलचल मची हुई है। खासतौर पर टेलीकॉम, एफएमसीजी और पावर सेक्टर में FII निवेश लगातार बना हुआ है, लेकिन अब इसके साथ-साथ फाइनेंशियल सर्विसेस, केमिकल्स, कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स, कैपिटल गुड्स और कंज़्यूमर सर्विसेस जैसे सेक्टर्स में भी जबरदस्त निवेश की शुरुआत हो चुकी है।

नए ट्रेंड की शुरुआत

हाल के एक्सचेंज डाटा के मुताबिक, 7 मई 2025 को FII ने कैश सेगमेंट में 2,585.86 करोड़ रुपये का निवेश किया। इससे पहले 6 मई को 3,794.52 करोड़ रुपये, 5 मई को 497.79 करोड़ रुपये और 2 मई को 2,769.81 करोड़ रुपये की खरीदारी हुई। यह दिखाता है कि विदेशी निवेशकों का भरोसा भारत की अर्थव्यवस्था और ग्रोथ स्टोरी पर लगातार गहराता जा रहा है।https://bazaarbits.com/operation-sindoor-pakistan-share-bazaar-kse100-crash/

अप्रैल में बदले FII के मूड

अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में FII ने उन सेक्टरों में जमकर निवेश किया जहां पहले वे सतर्क थे। आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से मार्च के बीच जहां फाइनेंशियल सर्विसेस, केमिकल्स और कंज़्यूमर सर्विसेस में बिकवाली हो रही थी, वहीं अप्रैल में इन क्षेत्रों में निवेश का ट्रेंड पलट गया।

उदाहरण के लिए:

  • फाइनेंशियल सर्विसेस में अप्रैल में ₹18,409 करोड़ का निवेश हुआ, जबकि जनवरी में यह सेक्टर ₹24,949 करोड़ की बिकवाली झेल चुका था।
  • एफएमसीजी में भी ₹2,917 करोड़ का निवेश आया, जबकि पिछली तिमाही में लगातार बिकवाली हो रही थी।
  • केमिकल्स और कंज़्यूमर सर्विसेस में भी निवेशक लौटे हैं।

इन सेक्टरों से निकासी जारी

हालांकि हर सेक्टर FII की रडार पर नहीं है। अप्रैल में IT, मेटल, ऑटो और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टर्स में बड़ी निकासी देखने को मिली। IT सेक्टर से ही अकेले ₹15,223 करोड़ निकाले गए, और ये चौथा महीना था जब इस क्षेत्र में बड़ी बिकवाली दर्ज की गई। यह संकेत है कि सेक्टोरल रोटेशन अब तेजी से हो रहा है।

निवेशकों के लिए संकेत क्या हैं?

जहां FII का पैसा जा रहा है, वहां संभावनाएं मजबूत मानी जा सकती हैं। आम निवेशक चाहें तो FMCG, फाइनेंशियल और केमिकल जैसे सेक्टर्स में अपने पोर्टफोलियो का वेटेज बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं। वहीं, IT, मेटल और ऑटो जैसे क्षेत्रों में फिलहाल सतर्क रहने की ज़रूरत है।

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