FII Smallcap Stocks: पिछली कुछ तिमाहियों के शेयरहोल्डिंग आंकड़ों पर नजर डालें तो यह साफ दिखता है कि विदेशी संस्थागत निवेशक यानी FII कुछ चुनिंदा स्मॉलकैप कंपनियों को लेकर काफी आशावादी हैं। इन निवेशकों ने हाल ही में कई छोटे लेकिन मजबूत बिजनेस मॉडल वाली कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। खास बात यह है कि ये सभी शेयर लांगटर्म ट्रेंड में मजबूती दिखा रहे हैं और 200-डे मूविंग एवरेज के ऊपर टिके हुए हैं। बाजार में आमतौर पर इसे तकनीकी तौर पर पॉजिटिव संकेत माना जाता है।
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FII की बढ़ती हिस्सेदारी यह इशारा करती है कि उन्हें इन कंपनियों के भविष्य की कमाई, विस्तार योजनाओं और ग्रोथ पर भरोसा है। कई मामलों में इन शेयरों ने पहले ही निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है और अब उम्मीद की जा रही है कि 2026 तक इनमें से कुछ स्टॉक मल्टीबैगर प्रदर्शन कर सकते हैं। आइए जानते हैं उन प्रमुख स्मॉलकैप शेयरों के बारे में, जिन पर विदेशी निवेशकों की नजर टिकी हुई है।
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जोटा हेल्थकेयर
हेल्थकेयर सेक्टर की इस कंपनी में FII की भागीदारी में तेज उछाल देखने को मिला है। सितंबर 2025 के अंत तक जहां विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी करीब साढ़े तीन प्रतिशत के आसपास थी, वहीं दिसंबर 2025 तक यह बढ़कर लगभग आठ प्रतिशत हो गई। शेयर तकनीकी रूप से मजबूत स्थिति में है और अपने 200 DMA से ऊपर कारोबार कर रहा है। 24 दिसंबर 2025 को इसका बंद भाव 1,555 रुपये रहा। पूरे साल के दौरान इस स्टॉक ने करीब 95 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। कंपनी का बाजार पूंजीकरण लगभग 5,160 करोड़ रुपये के स्तर पर है।
यात्रा ऑनलाइन लिमिटेड
ट्रैवल और ऑनलाइन बुकिंग से जुड़ी इस कंपनी में भी विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ता दिख रहा है। जून 2025 में FII की हिस्सेदारी दो प्रतिशत से भी कम थी, जो सितंबर 2025 तक बढ़कर साढ़े तीन प्रतिशत से ज्यादा हो चुकी है। यह शेयर अपने सभी प्रमुख मूविंग एवरेज के ऊपर ट्रेड कर रहा है, जो इसके मजबूत ट्रेंड को दर्शाता है। साल 2025 में अब तक इसने करीब 51 प्रतिशत की बढ़त दिखाई है। 24 दिसंबर को इसका शेयर भाव 178.35 रुपये रहा और कंपनी का मार्केट कैप लगभग 2,800 करोड़ रुपये है।
जीआरएम ओवरसीज
एफएमसीजी और एग्री-बेस्ड बिजनेस से जुड़ी जीआरएम ओवरसीज में भी FII की हिस्सेदारी में साफ बढ़ोतरी हुई है। जून 2025 में जहां विदेशी निवेश करीब 1.9 प्रतिशत था, वहीं सितंबर 2025 तक यह 3.36 प्रतिशत तक पहुंच गया। शेयर अपने सभी DMA से ऊपर बना हुआ है, जो इसकी मजबूती को दर्शाता है। साल 2025 में इस स्टॉक ने लगभग 149 प्रतिशत तक का जबरदस्त रिटर्न दिया है। 24 दिसंबर को इसका क्लोजिंग प्राइस 166.50 रुपये रहा और कंपनी का मार्केट कैप करीब 3,050 करोड़ रुपये है।
अक्षिता कॉटन
टेक्सटाइल सेक्टर की इस छोटी कंपनी में भी FII की रुचि बढ़ी है। जून 2025 में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 2.64 प्रतिशत थी, जो सितंबर 2025 तक बढ़कर लगभग 3.74 प्रतिशत हो गई। शेयर तकनीकी रूप से मजबूत है और सभी प्रमुख मूविंग एवरेज के ऊपर ट्रेड कर रहा है। 24 दिसंबर 2025 को इसका शेयर भाव 13.07 रुपये रहा। कंपनी का मार्केट कैप लगभग 455 करोड़ रुपये है और इस साल शेयर ने करीब 17 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की है।
कुल मिलाकर, इन स्मॉलकैप कंपनियों में FII की बढ़ती हिस्सेदारी यह संकेत देती है कि बड़े विदेशी निवेशक इनमें लंबी अवधि की संभावनाएं देख रहे हैं। हालांकि, किसी भी निवेश से पहले निवेशकों को अपने स्तर पर रिसर्च और जोखिम का आकलन जरूर करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह खबर केवल जानकारी के उद्देश्य से है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

