FIIs in Midcap Stocks: एक तिमाही में 70% तक टूटे ये 5 शेयर, विदेशी निवेशकों ने घटाई हिस्सेदारी

FIIs in Midcap Stocks: भारतीय मिडकैप शेयरों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की गतिविधियां अक्सर बाज़ार के रुझान तय करने में बड़ी भूमिका निभाती हैं। जहां FII की बढ़ती हिस्सेदारी निवेशकों को आत्मविश्वास देती है, वहीं हिस्सेदारी में गिरावट कई बार सतर्कता का संकेत मानी जाती है। यह भी पढ़ें: Aditya Infotech IPO: 1300 करोड़ […]

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FIIs in Midcap Stocks: भारतीय मिडकैप शेयरों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की गतिविधियां अक्सर बाज़ार के रुझान तय करने में बड़ी भूमिका निभाती हैं। जहां FII की बढ़ती हिस्सेदारी निवेशकों को आत्मविश्वास देती है, वहीं हिस्सेदारी में गिरावट कई बार सतर्कता का संकेत मानी जाती है।

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हाल ही में सामने आए डेटा के मुताबिक, FIIs ने इस तिमाही में 68 मिडकैप कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाई है। इनमें से कई शेयरों में बड़ी गिरावट भी देखने को मिली है। हम यहां उन 5 प्रमुख मिडकैप शेयरों की बात कर रहे हैं, जहां FIIs ने हिस्सेदारी कम की है और स्टॉक्स ने नकारात्मक रिटर्न दिया है।

Aditya Birla Fashion and Retail

कंपनी के शेयर में FIIs ने बीते तिमाही में बड़ा कदम पीछे खींचा है। मार्च 2025 में जहां उनकी हिस्सेदारी 21.83% थी, वहीं जून 2025 में यह घटकर 17.26% रह गई। स्टॉक का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा — वित्त वर्ष 2026 की शुरुआत से अब तक यह ₹256 से गिरकर ₹75 तक आ चुका है, यानी करीब 71% की गिरावट।

Punjab & Sind Bank

सरकारी बैंकिंग सेक्टर का यह शेयर भी FIIs के फोकस से बाहर होता दिखा। मार्च 2025 में FII की हिस्सेदारी 0.73% थी, जो जून में घटकर 0.25% पर आ गई। स्टॉक भी इसी दौरान ₹44 से ₹30 तक फिसल गया है, जो करीब 32% की गिरावट दर्शाता है।

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UCO Bank

एक और पब्लिक सेक्टर बैंक जिसमें FIIs ने हिस्सेदारी घटाई है। इस बैंक में मार्च तिमाही में FII हिस्सेदारी 0.44% थी, जो अब 0.13% पर आ गई है। स्टॉक ने भी कमजोर प्रदर्शन किया है — यह ₹36 से गिरकर ₹30 पर पहुंच गया, यानी लगभग 15% नुकसान।

Central Bank of India

जून तिमाही में FII की हिस्सेदारी 0.93% रह गई, जबकि मार्च 2025 में यह 1.23% थी। स्टॉक ने इस दौरान ₹43 से ₹37 तक की गिरावट दर्ज की है, यानी करीब 14% का नुकसान।

Gujarat Fluorochemicals

केमिकल सेक्टर की यह मिडकैप कंपनी भी इस लिस्ट में शामिल है। FIIs ने मार्च में 4.63% हिस्सेदारी रखी थी, जो अब घटकर 4.25% हो गई है। स्टॉक की कीमत भी ₹4,021 से ₹3,536 पर आ गई है, यानी 12% की गिरावट।

निवेशकों के लिए क्या सबक?

FII के निवेश पैटर्न अक्सर बाजार की दिशा का शुरुआती संकेत होते हैं। इन कंपनियों में FII हिस्सेदारी में गिरावट और स्टॉक की कमजोर चाल यह दर्शाती है कि संभवतः आगे की ग्रोथ को लेकर सतर्कता बढ़ी है। हालाँकि, हर गिरावट में मौका होता है, लेकिन ऐसे स्टॉक्स में निवेश से पहले निवेशकों को कंपनी की फंडामेंटल स्थिति, बैलेंस शीट और इंडस्ट्री आउटलुक को समझना बेहद जरूरी है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है।

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