Foreign Exchange Reserves: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश के विदेशी मुद्रा भंडार में बीते सप्ताह उल्लेखनीय बढ़त देखने को मिली है। खास बात यह है कि इस तेजी का बड़ा कारण सोने और चांदी की कीमतों में आई ऐतिहासिक तेजी को माना जा रहा है।
विदेशी मुद्रा भंडार में मजबूती
आरबीआई के अनुसार, 4 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 699.736 अरब डॉलर दर्ज किया गया। इसके मुकाबले, पिछले सप्ताह यह आंकड़ा 702.784 अरब डॉलर तक पहुंच गया था, जिसमें 4.849 अरब डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई थी। बता दें कि सितंबर 2024 के अंत में भारत का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व 704.885 अरब डॉलर तक पहुंच गया था, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
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विशेष बात यह रही कि इस सप्ताह भारत के स्वर्ण भंडार में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई। आंकड़ों के मुताबिक, देश का गोल्ड रिजर्व 34.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 84.846 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास मौजूद भारत के विशेष आहरण अधिकार (SDR) में भी 3.9 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई, जिससे यह आंकड़ा 18.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
IMF में भारत के कुल आरक्षित भंडार में भी 10.7 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई और यह 4.735 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। विदेशी मुद्रा भंडार में इस तेजी को वैश्विक और घरेलू बाजारों में तेजी से जुड़ा हुआ माना जा रहा है, खासकर सर्राफा यानी ज्वेलरी बाजार में।
घरेलू बाजार में सोने-चांदी का तूफान
बीते सप्ताह भारत में सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत में 465 रुपए का इजाफा हुआ और यह 97,511 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। यह कीमत एक दिन पहले 97,046 रुपए थी। वहीं, 22 कैरेट सोना अब 89,320 रुपए और 18 कैरेट सोना 73,133 रुपए प्रति 10 ग्राम के रेट पर मिल रहा है।
चांदी ने तो इस बार नया इतिहास रच दिया है। कीमतों में 2,356 रुपए की भारी बढ़त के साथ यह 1,10,290 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। यह अब तक की सबसे ऊंची कीमत है। 18 जून को चांदी ने 1,09,550 रुपए का रिकॉर्ड बनाया था, जिसे अब पीछे छोड़ दिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी चमक
दुनियाभर में आर्थिक अनिश्चितताओं और व्यापारिक तनाव के चलते निवेशकों का रुझान सुरक्षित निवेश साधनों की ओर बढ़ा है। इसका असर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी साफ देखा जा सकता है। वैश्विक स्तर पर सोने की कीमत 1.01% की बढ़त के साथ 3,358 डॉलर प्रति औंस और चांदी की कीमत 2.92% उछलकर 38.40 डॉलर प्रति औंस हो गई है।
विश्लेषकों का मानना है कि आर्थिक हालात को लेकर बढ़ती चिंता और संभावित व्यापार प्रतिबंधों के चलते निवेशक अब सोने और चांदी जैसे सुरक्षित विकल्पों को प्राथमिकता दे रहे हैं। यही कारण है कि भारत समेत वैश्विक बाजारों में कीमती धातुओं की मांग और कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।