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Forex Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, घटकर 691.49 अरब डॉलर पर पहुंचा

Forex Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में एक बार फिर गिरावट देखने को मिली है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए गए ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, 30 मई 2025 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान फॉरेन एक्सचेंज रिज़र्व में लगभग 1.23 अरब डॉलर की कमी आई है। इसके बाद देश का कुल भंडार घटकर 691.49 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो कि पिछले हफ्ते की तुलना में कम है।

इससे पहले, 23 मई को रिज़र्व में जबरदस्त उछाल देखने को मिला था, जब इसमें 6.99 अरब डॉलर की बढ़त हुई थी और आंकड़ा 692.72 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। लेकिन यह बढ़त ज्यादा देर तक टिक नहीं सकी और अगली ही रिपोर्ट में गिरावट सामने आ गई।

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विदेशी मुद्रा भंडार क्या है और क्यों होता है ज़रूरी?

विदेशी मुद्रा भंडार वह फंड होता है जो भारत का सेंट्रल बैंक यानी RBI विदेशी मुद्राओं, सोने, और अंतरराष्ट्रीय परिसंपत्तियों के रूप में जमा करता है। यह भंडार देश की आर्थिक मजबूती और मुद्रा स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। यदि रुपए में अत्यधिक उतार-चढ़ाव होता है, तो RBI डॉलर जैसी विदेशी मुद्राएं बेचकर स्थिति को नियंत्रण में लाता है।

गिरावट के प्रमुख कारण

इस बार की गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) में गिरावट को माना जा रहा है। यह भंडार विदेशी मुद्राओं के रूप में रखा जाता है जिसमें डॉलर, यूरो, येन आदि शामिल होते हैं। यदि इन मुद्राओं की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में घटती है, तो इसका सीधा असर रिज़र्व पर पड़ता है।

इसके अलावा कुछ और कारण भी सामने आए हैं:

  1. रुपए में कमजोरी के दौरान RBI द्वारा डॉलर की बिक्री, ताकि रुपए को स्थिर किया जा सके।
  2. बढ़ते आयात खर्च और विदेशी कर्ज़ भुगतान ने भी रिज़र्व पर दबाव डाला है।
  3. अमेरिकी नीतियों में बदलाव, तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में उछाल और वैश्विक अस्थिरता ने भी फॉरेन रिज़र्व को प्रभावित किया है।

कुछ सकारात्मक संकेत भी

हालांकि, इस हफ्ते भंडार में कुछ पॉजिटिव मूवमेंट्स भी देखी गईं। सोने के भंडार में 0.48 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई, जिससे यह बढ़कर 60.66 अरब डॉलर हो गया। इसके अलावा, SDR (Special Drawing Rights) में भी 0.11 अरब डॉलर की बढ़त दर्ज की गई, जो अब 18.25 अरब डॉलर पर है।

पिछली रिपोर्ट्स से तुलना

पिछले कुछ हफ्तों में रिज़र्व में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिला है:

  • 16 मई 2025: 4.88 अरब डॉलर की गिरावट
  • 25 अप्रैल 2025: 1.98 अरब डॉलर की वृद्धि

इन आंकड़ों से साफ है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार वैश्विक आर्थिक स्थितियों और घरेलू मांग के अनुसार बदलता रहता है।

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