Gold Market Update: 25 जून 2025, बुधवार का दिन सोने के निवेशकों के लिए झटका लेकर आया, जब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई। बीते दो हफ्तों में पहली बार स्पॉट गोल्ड $3,300 के नीचे आ गया, जो बताता है कि वैश्विक निवेशकों का भरोसा अब ‘सेफ हेवन’ एसेट्स से हटकर दूसरे विकल्पों की ओर बढ़ रहा है।
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युद्धविराम की उम्मीद ने बदल दिया गोल्ड का समीकरण
इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है — ईरान और इज़रायल के बीच संभावित सीज़फायर का संकेत। पश्चिम एशिया में लंबे समय से तनाव बना हुआ था, जिसके कारण निवेशक सुरक्षित विकल्पों जैसे कि गोल्ड और सिल्वर में पैसा लगा रहे थे। लेकिन जैसे ही राजनीतिक स्थिरता के संकेत मिलने लगे, सोने की मांग में गिरावट आने लगी।
विश्लेषकों का मानना है कि निवेशकों का सेंटीमेंट अब जोखिम लेने की ओर बढ़ रहा है — यानी वे स्टॉक्स और अन्य हाई-रिटर्न एसेट्स में झुकाव दिखा रहे हैं।
क्या कहते हैं मौजूदा आंकड़े?
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली है, जहां स्पॉट गोल्ड 1.5% टूटकर $3,316.80 प्रति औंस पर आ गया। दिन के कारोबार के दौरान यह स्तर $3,300 से नीचे तक भी फिसल चुका था। वहीं, गोल्ड फ्यूचर्स में भी 2% की गिरावट दर्ज की गई और यह $3,333.90 पर बंद हुए। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा दबाव के बावजूद सोने को $3,250 से $3,300 के बीच मजबूत सपोर्ट मिल सकता है, जिससे आगे की गिरावट सीमित रह सकती है।
अन्य धातुओं का हाल
अन्य कीमती धातुओं की बात करें तो चांदी की कीमत 0.8% गिरकर $35.83 प्रति औंस पर आ गई है, जबकि प्लैटिनम ने तेजी दिखाई और 1.8% उछलकर $1,317.87 के स्तर तक पहुंच गया। इसके विपरीत, पैलेडियम 1.3% की गिरावट के साथ $1,062.73 प्रति औंस पर फिसल गया। बाजार में इन धातुओं की चाल भी मौजूदा वैश्विक अस्थिरता और निवेश धारणा में बदलाव को दर्शा रही है।
फेडरल रिजर्व की टिप्पणी ने निवेशकों की उम्मीदों पर फेरा पानी
अमेरिकी केंद्रीय बैंक के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने हाल ही में स्पष्ट कर दिया है कि ब्याज दरों में जल्द कटौती की कोई योजना नहीं है। जबकि बाजार को उम्मीद थी कि अक्टूबर के आसपास दरों में राहत दी जा सकती है, पॉवेल के बयान से साफ हुआ है कि फेड पहले महंगाई और व्यापारिक प्रतिबंधों के प्रभाव को गहराई से जांचेगा।
विश्लेषण: क्या यह खरीदारी का मौका है या और गिरावट बाकी है?
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, मौजूदा गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन बहुत अधिक उछाल की उम्मीद तुरंत नहीं की जा सकती। अमेरिका की पॉलिसी, वैश्विक आर्थिक आंकड़े, और पश्चिम एशिया की स्थिति — ये सभी अगले कुछ दिनों में सोने की दिशा तय करेंगे।
वर्तमान में, निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। गोल्ड में लॉन्ग-टर्म निवेश सोचकर ही कदम उठाना समझदारी भरा होगा।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।