सोने की कीमत 2025: मंदी और तेल गिरावट के बीच गोल्ड $4,000 की ओर | Safe Haven निवेश ट्रेंड

वैश्विक स्तर पर बढ़ती आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सोना एक बार फिर निवेशकों की पहली पसंद बनता नजर आ रहा है। बीते सोमवार और मंगलवार को सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला, जहां यह $3,411.90 प्रति औंस तक जा पहुंचा। हालांकि बुधवार को इसमें लगभग 1% की गिरावट आई, लेकिन दीर्घकालिक ट्रेंड अभी भी मजबूती की ओर इशारा कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चे तेल की गिरती कीमतें और मंदी की आशंका सोने को मजबूती देने वाले प्रमुख कारक बन चुके हैं।
ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के वरिष्ठ कमोडिटी रणनीतिकार माइक मैकग्लोन ने एक दिलचस्प तुलना सामने रखी है। उनके मुताबिक, फिलहाल सोने और तेल की कीमतों के बीच जो फासला है, वह पिछले सौ वर्षों में चौथी सबसे बड़ी खाई मानी जा रही है — करीब 50% का अंतर। यह साफ संकेत है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था बेहद चुनौतीपूर्ण दौर में प्रवेश कर चुकी है।https://bazaarbits.com/polycab-quarterly-results-2025-profit-dividend/
2025 में अब तक सोना 26% तक चढ़ चुका है, वहीं कच्चा तेल 21% नीचे लुढ़क चुका है। ऐसे में यह अंतर हमें आगाह करता है कि आने वाले समय में आर्थिक हालात और बिगड़ सकते हैं।
क्या सोना $4,000 तक जाएगा?
सोने की मौजूदा रफ्तार को देखते हुए बाजार में यह चर्चा गर्म है कि क्या यह $4,000/औंस का स्तर छू सकता है। मैकग्लोन का मानना है कि अगर स्टॉक मार्केट में बड़ी गिरावट आती है, तो सोना अगला उछाल इसी दिशा में ले सकता है। हाल में $3,200 से सीधे $3,411.90 तक का उछाल भी इस संभावना को बल देता है। उन्होंने संकेत दिया कि यदि कच्चा तेल $40 प्रति बैरल के पास जाता है, तो सोना $4,000 की ओर बढ़ सकता है।
S&P 500 बनाम गोल्ड: क्या 1:1 रेशियो संभव है?
वर्तमान में S&P 500 और गोल्ड के बीच रेशियो 0.64x है, जबकि 2011 में जब गोल्ड $1,900 के पार गया था, तब यह रेशियो 1.5x के आसपास था। मैकग्लोन के मुताबिक इतिहास बताता है कि मंदी के समय यह अनुपात 1:1 तक आ सकता है, या उससे नीचे भी जा सकता है। अगर शेयर बाजार 4,000 के स्तर तक गिरता है, तो सोना भी उसी के आसपास पहुंच सकता है।
$3,000 का सपोर्ट लेवल और निवेश की रणनीति
विश्लेषकों के अनुसार सोने को अब $3,000 पर मजबूत सपोर्ट मिल रहा है। निवेशक फिलहाल अमेरिकी आर्थिक नीतियों, चीन-अमेरिका व्यापार मामलों और डॉलर की दिशा पर नजर बनाए हुए हैं। कमजोर होता डॉलर और मंदी की आहट सोने को एक बार फिर सुरक्षित निवेश का प्रतीक बना रहे हैं।
जिन निवेशकों ने पहले से पोजिशन ले रखी है, उनके लिए होल्ड करना सही रणनीति होगी। वहीं जिनके पास अभी नकद है, वे $3,300 के स्तर पर स्थिरता आने पर चरणबद्ध तरीके से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
सोने की तेजी महज कीमतों की बात नहीं है, बल्कि यह वैश्विक वित्तीय तनाव, तेल की कमजोरी और इक्विटी बाजार की डगमगाती चाल का संकेत है। अगर मंदी और गहराती है, तो गोल्ड $4,000 प्रति औंस का आंकड़ा छू सकता है — और यह निवेशकों के लिए एक बार फिर ‘सेफ हेवन’ की वापसी का सबूत बन सकता है।