Gold Price Today: अमेरिकी डॉलर में अचानक आई मजबूती और रिस्की एसेट्स में बढ़ती दिलचस्पी की वजह से बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की चमक फीकी पड़ गई। एशियाई बाजार में ट्रेडिंग के दौरान सोने की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिली और यह फिसलकर $3,300 प्रति औंस के नीचे जा पहुंचा, जो बीते एक हफ्ते का सबसे निचला स्तर माना जा रहा है।
Gold Price Today इस गिरावट के पीछे सबसे बड़ी वजह अमेरिकी डॉलर की मजबूती है। डॉलर में यह उछाल उस वक्त आया जब न्यूयॉर्क के कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित ‘Liberation Day’ टैरिफ को खारिज कर दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार को लेकर कोई भी फैसला लेने का अधिकार केवल अमेरिकी कांग्रेस को है। यह अधिकार राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों से भी ऊपर है। इस फैसले ने बाजार में यह संकेत दिया कि व्यापार नीतियों पर अब अधिक स्थिरता आ सकती है, जिससे डॉलर को बल मिला।Apollo Micro Systems को 113 करोड़ का ऑर्डर, शेयर पहुंचा 52W हाई पर
इसके अलावा ट्रंप द्वारा अमेरिका और यूरोप के बीच टैरिफ को 9 जुलाई तक टालने की घोषणा ने भी निवेशकों में भरोसा बढ़ाया। इससे बाजार में एक सकारात्मक वातावरण बना, और निवेशकों ने सोने जैसे पारंपरिक सुरक्षित निवेश विकल्प से मुंह मोड़कर शेयर बाजार और डॉलर में पैसा लगाना शुरू कर दिया।
एक और अहम बात यह रही कि अमेरिका का कंज़्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स मई महीने में 98.0 तक पहुंच गया, जो बाज़ार की उम्मीदों से कहीं बेहतर है। इससे यह संकेत मिला कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है और निवेशकों ने जोखिम लेने का मन बना लिया है। ऐसे में सोने जैसे कम जोखिम वाले विकल्प कमजोर हो गए।
कितना टूटा सोना?
सोने की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी है। अभी यह $3,300 के नीचे कारोबार कर रहा है। यदि बिकवाली का दबाव इसी तरह बना रहा, तो आगे इसके $3,196, $3,120 और फिर $3,031 तक फिसलने की संभावना है।
आगे क्या हो सकता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दुनिया में फिर से अनिश्चितता या भू-राजनीतिक तनाव बढ़ा, तो निवेशक फिर से सोने की ओर लौट सकते हैं। ऐसे में सोना 7 मई के उच्चतम स्तर $3,438 या फिर 22 अप्रैल के रिकॉर्ड स्तर $3,500 की ओर भी जा सकता है। हालांकि फिलहाल बाजार में ऐसा कोई संकेत नहीं है जो सोने में मजबूत तेजी की उम्मीद जगाए।
छोटे निवेशकों के लिए मौका?
वर्तमान कीमतों पर सोने की यह गिरावट छोटे निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है, लेकिन बाजार की चाल और अंतरराष्ट्रीय संकेतों को नजरअंदाज करना समझदारी नहीं होगी। डॉलर का उतार-चढ़ाव, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति और वैश्विक हालात जैसे तीन बड़े फैक्टर आने वाले दिनों में सोने की दिशा तय करेंगे।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।