Gold Price Today: डॉलर की मजबूती से टूटा सोना, रिकॉर्ड हाई से 10% नीचे आया भाव

डॉलर की मजबूती और भू-राजनीतिक तनाव घटने से सोने की कीमतों में 10% की गिरावट आई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड रिकॉर्ड हाई से नीचे फिसला, जबकि MCX पर भी सोना कमजोर दिखा। निवेशकों में मुनाफावसूली का रुझान बढ़ा है।

Gold Price Today: डॉलर की मजबूती से टूटा सोना, रिकॉर्ड हाई से 10% नीचे आया भाव

Gold Price Today: लंदन स्पॉट मार्केट में सोने की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। 20 अक्टूबर 2025 को रिकॉर्ड स्तर $4,381 प्रति औंस तक पहुंचने के बाद अब सोना करीब 10% नीचे फिसल गया है। घरेलू बाजार में भी यही रुझान देखने को मिला, जहां MCX पर सोने के वायदा भाव ₹1,31,000 प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर से नीचे आ गए।

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इस गिरावट के पीछे कई वैश्विक कारक जिम्मेदार हैं। हालिया तेजी के बाद संस्थागत निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली, इज़राइल-हमास संघर्ष में युद्धविराम समझौता और सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग में कमी ने इसकी कीमतों पर दबाव बनाया है।

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डॉलर और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी का असर

सोने पर सबसे ज्यादा दबाव अमेरिकी डॉलर की मजबूती और यूएस ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी के कारण देखा गया। डॉलर इंडेक्स में 0.08% की बढ़त से निवेशकों की रुचि डॉलर-आधारित संपत्तियों की ओर बढ़ी, जिससे सोने की आकर्षण कम हुआ।

हाल ही में फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी, लेकिन चेयरमैन जेरोम पॉवेल के सतर्क बयान ने बाजारों को राहत देने के बजाय अनिश्चितता बढ़ाई। इस कारण सोने को होल्ड करने की opportunity cost बढ़ गई।

केंद्रीय बैंकों की ओर से खरीदारी जारी

कीमतों में गिरावट के बावजूद केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की खरीदारी में कोई कमी नहीं आई है। तीसरी तिमाही (Q3 2025) में केंद्रीय बैंकों ने कुल 220 टन सोना खरीदा, जो पिछली तिमाही की तुलना में 28% अधिक है।

इस दौरान भारत, पोलैंड और उज्बेकिस्तान शीर्ष खरीदारों में शामिल रहे। यह ट्रेंड दर्शाता है कि दीर्घकालिक रूप से सोने पर भरोसा अब भी कायम है।

घरेलू मांग पर मिला-जुला असर

भारत में त्योहारी सीजन के बाद ज्वेलरी की मांग में 16% की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, निवेशकों की रुचि गोल्ड ETF, सिक्कों और बार में निवेश की ओर बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऊंची कीमतों के कारण ज्वेलरी खरीदारी धीमी हुई है, लेकिन निवेशक अभी भी सोने को पोर्टफोलियो में सुरक्षित संपत्ति के रूप में देख रहे हैं।

निवेशकों के लिए संकेत

बाजार विश्लेषकों का कहना है कि मौजूदा करेक्शन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए अवसर साबित हो सकता है। निवेशक गोल्ड ETF या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में SIP के जरिए धीरे-धीरे निवेश कर सकते हैं, जिससे लागत का औसत निकाला जा सके।

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