Gold Price Today: भारत की सोने पर भारी निर्भरता कोई नई बात नहीं है। दुनिया में चीन के बाद भारत वह देश है, जहां सोने की मांग सबसे ज्यादा है। लेकिन यह मांग काफी हद तक आयात से पूरी होती है, जिससे वैश्विक बाज़ार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर घरेलू दामों पर पड़ता है।
सोने का अंतरराष्ट्रीय व्यापार अमेरिकी डॉलर में होता है, इसलिए डॉलर की चाल जब ऊपर-नीचे होती है, तो उसका असर भारत में सोने की कीमतों पर तुरंत दिखता है। इसके अलावा इंपोर्ट ड्यूटी और टैक्स स्ट्रक्चर भी सोने की कीमत को बदलने में भूमिका निभाते हैं।
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भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति बैठक के फैसले से एक दिन पहले गुरुवार को गोल्ड के ट्रेडर्स का मूड थोड़ा संभल-संभल सा नज़र आया। MCX पर अगस्त डिलीवरी वाला गोल्ड 98,456 रुपये प्रति 10 ग्राम पर खुला, जो एक दिन पहले बंद हुए भाव से नीचे था।
दिन चढ़ते-चढ़ते इसमें 439 रुपये की गिरावट दर्ज की गई और कीमत 98,140 रुपये तक पहुंच गई। इससे साफ है कि RBI के फैसले से पहले निवेशक कोई बड़ा दांव लगाने से बच रहे हैं।
चांदी में दिखी थोड़ी मजबूती
सोने की तुलना में चांदी की चाल थोड़ी अलग रही। MCX पर जुलाई वायदा चांदी 1,01,499 रुपये प्रति किलो पर खुली, और थोड़ी ही देर बाद 39 रुपये की बढ़त के साथ 1,01,419 रुपये पर पहुंच गई।
यह संकेत देता है कि भले ही सोने में दबाव है, लेकिन चांदी के भाव में हल्की खरीदारी देखी जा रही है।
क्या होगा RBI का अगला कदम?
RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक पहले ही शुरू हो चुकी है और 6 जून 2025 को उसका फैसला सामने आएगा। हालांकि कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होगा, फिर भी 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की संभावना जताई जा रही है। यही कारण है कि बाजार के खिलाड़ी फिलहाल ‘वेट एंड वॉच’ मोड में हैं।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।