Gold Price Today: भारतीय बाज़ार में सोने की कीमतों ने सोमवार को नया कीर्तिमान स्थापित किया। एमसीएक्स पर अक्टूबर डिलीवरी के कॉन्ट्रैक्ट्स ₹1,02,191 प्रति 10 ग्राम के स्तर तक पहुंच गए, जो अब तक का सर्वाधिक रिकॉर्ड है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तेजी का माहौल रहा, जहां कॉमेक्स पर सोना $3,534 प्रति ट्रॉय औंस तक पहुंचा।
यह भी पढ़ें: PG Electroplast: दो दिन में 30% की जोरदार गिरावट, नुवामा ने लक्ष्य घटाकर ₹710 किया
यह भी पढ़ें: Cochin Shipyard News: पहली तिमाही के नतीजों से पहले शेयर में तेजी, 5.61% की उछाल
विश्लेषकों के मुताबिक, यह तेज़ी कई कारणों से समर्थित है। सबसे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ा दी है। इसके साथ ही, अमेरिकी श्रम बाज़ार में हालिया नरमी, फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें और वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों ने निवेशकों को सोने जैसे सुरक्षित निवेश साधनों की ओर मोड़ा है।
तकनीकी संकेत और बाज़ार की रणनीति
तकनीकी चार्ट्स पर नज़र डालें तो रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 64.70 के स्तर पर है, जो यह दर्शाता है कि रुझान अब भी तेज़ी की ओर है। विशेषज्ञों ने निकट भविष्य के लिए ₹1,02,700 पर रेज़िस्टेंस और ₹1,01,200 पर सपोर्ट ज़ोन चिन्हित किया है।
ट्रेडिंग रणनीति के तौर पर विशेषज्ञ “बाय-ऑन-डिप्स” (गिरावट पर खरीदारी) की सलाह दे रहे हैं। उनका मानना है कि अगर कीमत ₹1,00,500 के आस-पास आती है तो एमसीएक्स पर पोज़िशन बनाने का सही अवसर होगा।
निवेशकों के लिए रिटर्न का हाल
पिछले एक साल में गोल्ड ईटीएफ ने औसतन 45.01% का रिटर्न दिया है। इसके विपरीत, मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स ने इसी अवधि में 7.16% का रिटर्न हासिल किया। इससे साफ है कि सोने में निवेश करने वालों को अच्छा मुनाफा मिला है, खासकर ऐसे समय में जब इक्विटी मार्केट्स में उतार-चढ़ाव अधिक रहा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि निवेश पोर्टफोलियो में सोने को दीर्घकालिक रणनीतिक हिस्से के रूप में बनाए रखना चाहिए। इसके लिए ईटीएफ, गोल्ड म्यूचुअल फंड्स और मल्टी-एसेट फंड्स जैसे विकल्प निवेशकों के पास मौजूद हैं।
आगे का परिदृश्य
कुछ अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में सोना $3,000 से $3,500 प्रति औंस के दायरे में रह सकता है। हालांकि, वे यह भी चेतावनी देते हैं कि ऊंचे स्तरों से 12-15% तक का करेक्शन भी संभव है।
भारत में त्योहारी सीज़न के करीब आते ही भौतिक सोने की मांग में इज़ाफा देखने को मिल सकता है, जो कीमतों को सहारा देगा। दूसरी ओर, अगर अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती का संकेत मिलता है तो डॉलर कमजोर हो सकता है, जिससे सोने की कीमतों में और मजबूती आ सकती है।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।