Gold Price Today: अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोमवार, 13 अक्टूबर को सोने और चांदी की कीमतों में जोरदार तेजी देखने को मिली। घरेलू वायदा बाजार (MCX) पर सोना ₹1,23,286 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹1,51,050 प्रति किलोग्राम के स्तर पर कारोबार कर रही थी। यह उछाल मुख्य रूप से अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव, आर्थिक अनिश्चितताओं और ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदों से जुड़ा रहा।
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में रिकॉर्ड स्तर पर सोना
वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों ने नया इतिहास रच दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $4,060 प्रति औंस के ऊपर पहुंच गया, जो अब तक का सर्वाधिक स्तर है। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब सोने में तेजी जारी रही। विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में बढ़ती भू-राजनीतिक चिंताओं और निवेशकों की सुरक्षित संपत्तियों (Safe Haven Assets) की ओर झुकाव ने इस रैली को मजबूत किया है।
चांदी में भी तेजी, ‘शॉर्ट स्क्वीज़’ का असर
चांदी के दामों में भी जबरदस्त तेजी देखने को मिली। लंदन के बाजारों में ऐतिहासिक शॉर्ट स्क्वीज़ के चलते कीमतें रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुंच गईं। घरेलू बाजार में भी चांदी 3% से अधिक की बढ़त के साथ कारोबार कर रही थी। निवेशकों का मानना है कि औद्योगिक मांग में सुधार और वैश्विक स्तर पर आपूर्ति में संभावित कमी के कारण यह तेजी निकट भविष्य में बरकरार रह सकती है।
अमेरिकी शटडाउन और ब्याज दरों को लेकर चिंता
अमेरिका में जारी सरकारी शटडाउन ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। सरकार के बंद रहने से कई महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों की घोषणा टल गई है, जिससे बाजारों में अस्थिरता बढ़ी है। विश्लेषकों का कहना है कि इन परिस्थितियों में निवेशक जोखिम भरे एसेट्स से निकलकर सोने और चांदी जैसे सुरक्षित निवेश साधनों की ओर रुख कर रहे हैं।
इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में आगे कटौती की उम्मीदों ने भी बुलियन को सपोर्ट दिया है। निवेशकों का मानना है कि ब्याज दरों में कमी से डॉलर कमजोर होगा, जिससे सोने की मांग और बढ़ सकती है।
54% वार्षिक बढ़त और डीडॉलराइजेशन का असर
अब तक 2024 में सोने की कीमतों में लगभग 54% की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है। इस तेजी के पीछे कई कारण हैं — केंद्रीय बैंकों की भारी खरीदारी, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) में इनफ्लो, और वैश्विक व्यापारिक असंतुलन से जुड़ी चिंताएं।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि “डीडॉलराइजेशन” यानी डॉलर पर निर्भरता घटाने की दिशा में कई देशों के कदमों ने भी सोने की कीमतों को सहारा दिया है। कई उभरती अर्थव्यवस्थाएं अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का अनुपात बढ़ा रही हैं, जिससे मांग में स्थायी मजबूती देखी जा रही है।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।