Gold Market Today: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेशकों की सोच में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) के बीच टैरिफ को लेकर अस्थायी समझौते ने बाजार की धड़कनें तेज कर दी हैं। अमेरिका ने फिलहाल यूरोपीय उत्पादों पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने का फैसला टाल दिया है, जिससे ग्लोबल निवेशकों में जोखिम लेने की भूख बढ़ गई है। इसका सीधा असर सेफ हैवन एसेट माने जाने वाले सोने पर पड़ा है — जिसकी कीमतों में लगभग 2% की गिरावट आई है और यह $3,300 के नीचे फिसल गया है।
टैरिफ ब्रेक से बदला सेंटीमेंट
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच हुई बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया कि EU के सामानों पर 50% टैरिफ लगाने की समयसीमा को 9 जुलाई तक टाल दिया जाएगा। इस खबर ने निवेशकों को राहत दी और बाजार में तेजी लौटी। खासकर, जोखिम भरे एसेट्स जैसे शेयरों में खरीदारी शुरू हो गई, जबकि सोने जैसे सुरक्षात्मक निवेश विकल्पों से पैसा निकलने लगा।Stocks to Watch: तगड़े Q4 नतीजों के बाद इन शेयरों में बन सकता है पैसा
डॉलर की मांग में उछाल
सोने से निकली नकदी का रुख अब डॉलर और इक्विटी मार्केट की ओर है। डॉलर इंडेक्स में मजबूती देखी गई है क्योंकि निवेशकों का भरोसा डॉलर पर फिर से बनता दिखाई दे रहा है। इस दौरान अमेरिकी बाजार के आर्थिक संकेत भी अपेक्षाकृत बेहतर रहे हैं।
आर्थिक संकेतक जो निवेशकों को कर रहे हैं प्रभावित
- यूएस कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स: मई में 85.7 से बढ़कर 98.0 पहुंच गया, जो कि पिछले चार वर्षों की सबसे तेज़ छलांग है।
- ड्युरेबल गुड्स ऑर्डर: अप्रैल में –6.3% दर्ज किया गया, लेकिन यह मार्केट अनुमान (–7.8%) से बेहतर रहा।
- मूडीज की रेटिंग: अमेरिका की सरकारी कर्ज की रेटिंग AAA से घटाकर AA1 कर दी गई है, जो बजटी घाटे पर चिंता को दर्शाता है।
चीन से सोने की डिमांड बनी मजबूत
बाजार में गिरावट के बावजूद एक पॉजिटिव संकेत चीन से आ रही डिमांड है। हॉन्गकॉन्ग के माध्यम से चीन की गोल्ड इम्पोर्ट अप्रैल में दोगुनी हो गई, जो मार्च 2024 के बाद की सबसे बड़ी छलांग है। यह बताता है कि एशियाई बाजारों में सोने की मांग अभी भी स्थिर बनी हुई है।
तकनीकी स्तर: क्या कहता है चार्ट?
- मौजूदा रेंज: $3,250 – $3,300
- अगर $3,300 पार होता है तो अगला टारगेट: $3,365 – $3,400
- नीचे सपोर्ट लेवल: $3,204 – $3,205, जहां 50-दिवसीय SMA और पिछला लो मौजूद है।
गिरावट में है मौका, लेकिन सावधानी जरूरी
भले ही अभी सोने में कमजोरी दिख रही हो, लेकिन अमेरिका के बजटी घाटे, डेट रेटिंग में गिरावट और चीन की मजबूत मांग को देखते हुए लॉन्ग टर्म दृष्टिकोण अब भी सकारात्मक बना हुआ है। छोटे निवेशकों के लिए यह गिरावट एक एंट्री पॉइंट हो सकती है — लेकिन बिना रिसर्च या सलाह के जल्दबाजी नुकसानदायक हो सकती है, क्योंकि मौजूदा बाजार मूवमेंट पूरी तरह सेंटिमेंट से संचालित हो रहा है।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।