Gold Silver ETF SEBI Proposal: भारतीय दाम से तय होगी कीमत, निवेशकों को मिलेगा पारदर्शी वैल्यूएशन

Gold Silver ETF SEBI Proposal: सोने और चांदी में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए बड़ी खबर है। मार्केट रेगुलेटर SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने गोल्ड और सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) के वैल्यूएशन सिस्टम को लेकर एक नया प्रस्ताव जारी किया है। इसके तहत अब इन ETF की कीमतें अंतरराष्ट्रीय दामों के […]

Gold Silver ETF SEBI Proposal से जुड़ी छवि जिसमें निवेश, पारदर्शिता और भारतीय बाजार आधारित वैल्यूएशन की झलक दिख रही है

Gold Silver ETF SEBI Proposal: सोने और चांदी में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए बड़ी खबर है। मार्केट रेगुलेटर SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने गोल्ड और सिल्वर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) के वैल्यूएशन सिस्टम को लेकर एक नया प्रस्ताव जारी किया है। इसके तहत अब इन ETF की कीमतें अंतरराष्ट्रीय दामों के बजाय भारत के कमोडिटी एक्सचेंज, जैसे कि MCX, पर आधारित स्पॉट प्राइस से तय की जाएंगी।

अभी कैसे तय होती है कीमत?

वर्तमान में भारत के गोल्ड-सिल्वर ETF इंटरनेशनल बेंचमार्क जैसे LBMA (London Bullion Market Association) के रेट्स को फॉलो करते हैं। इन कीमतों को डॉलर से रुपये में बदला जाता है, फिर उसमें कस्टम ड्यूटी, टैक्स और प्रीमियम/डिस्काउंट जोड़ा जाता है। हर AMC (फंड हाउस) का कैलकुलेशन तरीका अलग होता है, जिससे एक ही एसेट की कीमत अलग-अलग फंड्स में अलग दिखती है।

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नया सिस्टम कैसा होगा?

SEBI चाहता है कि अब सभी फंड हाउस सीधे भारत के कमोडिटी एक्सचेंज (जैसे MCX) पर प्रकाशित स्पॉट प्राइस को अपनाएं। इससे वैल्यूएशन प्रक्रिया सरल, एकरूप और भारतीय बाजार के अनुकूल हो जाएगी।

क्या होगा निवेशकों को फायदा?

  • अब सभी AMC एक ही प्राइस बेंचमार्क का पालन करेंगी। इससे पारदर्शिता और भरोसा बढ़ेगा।
  • वैल्यूएशन प्रोसेस सरल होगी — फंड हाउस को इंटरनेशनल डेटा और जटिल कैलकुलेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
  • सोने और चांदी की ट्रैकिंग एरर घटेगी, जिससे ETF का प्रदर्शन वास्तविक कीमतों के और करीब होगा।
  • फिजिकल और डेरिवेटिव्स दोनों से जुड़े ETF अब एक जैसे सिस्टम से वैल्यू होंगे।

और ज्यादा पारदर्शिता के लिए कदम

SEBI चाहता है कि स्पॉट प्राइस की प्रक्रिया को भी रेगुलेट किया जाए। एक्सचेंज को यह बताना होगा कि वे किस स्रोत से डेटा ले रहे हैं और कीमतें कैसे तय हो रही हैं। इससे किसी तरह की हेराफेरी की संभावना खत्म हो जाएगी।

जनता से राय मांगी

SEBI ने इस प्रस्ताव पर 6 अगस्त 2025 तक सभी स्टेकहोल्डर्स (निवेशक, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स, पब्लिक) से फीडबैक मांगा है। सुझाव SEBI की ऑफिशियल वेबसाइट पर ऑनलाइन भेजे जा सकते हैं।

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