Garden Reach: सरकारी स्वामित्व वाली डिफेंस कंपनी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने भारतीय नौसेना के एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए सबसे कम बोली लगाकर एक बड़ा कदम उठाया है। एक्सचेंज फाइलिंग के ज़रिए कंपनी ने जानकारी दी कि उसने नेक्स्ट जेनरेशन कॉर्वेट्स (NGC) के निर्माण के लिए सबसे सस्ती बोली दी है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो GRSE को भारतीय नौसेना के लिए पांच अत्याधुनिक युद्धपोत बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिल सकता है, जिसकी अनुमानित लागत ₹25,000 करोड़ से अधिक बताई जा रही है।
रक्षा मंत्रालय की कमर्शियल नेगोशिएशन कमेटी की हालिया बैठक में बिड्स खोली गईं, जिसमें GRSE सबसे आगे निकली। गौरतलब है कि यह प्रोजेक्ट दो शिपयार्ड कंपनियों के बीच बंटेगा, और GRSE को सबसे बड़ा हिस्सा मिलने की संभावना है।
युद्धपोत निर्माण क्षमता बढ़ाने की तैयारी में कंपनी
GRSE ने हाल ही में अपनी अर्निंग कॉल में भी NGC प्रोजेक्ट का जिक्र किया था। कंपनी का मानना है कि पूरे प्रोजेक्ट की वैल्यू लगभग ₹40,000 करोड़ तक जा सकती है। इसमें से आधे से अधिक यानी ₹25,000 करोड़ का ऑर्डर एक शिपबिल्डर को मिलेगा, और GRSE ने यह दौड़ लगभग जीत ली है।BEL Share Price Today: टारगेट प्राइस बढ़ते ही शेयर ने बनाया नया हाई
इतना ही नहीं, कंपनी आने वाले समय में अपने प्रोडक्शन की क्षमता को भी बड़ा विस्तार देने की तैयारी कर रही है। GRSE का लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक वह हर साल 28 जहाजों तक निर्माण कर सके, जो फिलहाल की 24 जहाजों की क्षमता से अधिक है।
डिफेंस सेक्टर में बढ़ी हलचल
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से देश में डिफेंस सेक्टर को लेकर निवेशकों की रुचि बढ़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मेक इन इंडिया’ डिफेंस इक्विपमेंट्स को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया है। इसका असर डिफेंस कंपनियों के शेयरों पर साफ दिख रहा है।
वित्तीय प्रदर्शन शानदार
वित्त वर्ष 2024-25 में GRSE ने ₹527 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया, जो पिछले साल की तुलना में 48% अधिक है। खास बात यह रही कि केवल चौथी तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट ₹112 करोड़ से बढ़कर ₹244 करोड़ पहुंच गया, यानी 118% की जबरदस्त ग्रोथ।
कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, कमोडोर पीआर हरि (सेवानिवृत्त) ने बताया कि GRSE की ऑर्डर बुक काफी मजबूत है और कमर्शियल शिपबिल्डिंग में हो रही प्रगति से कंपनी को अगले कुछ सालों में और बेहतर नतीजे मिलने की उम्मीद है।
GRSE का लक्ष्य है कि वह अगले पांच वर्षों में सालाना 20-25% की ग्रोथ बनाए रखे। इसके अलावा, P-17A प्रोजेक्ट के तहत तीन अत्याधुनिक युद्धपोत अगस्त 2025 तक नेवी को सौंपे जाने हैं, जो आने वाले वित्तीय वर्षों में आय को और मजबूती देंगे।
शेयर बाजार में जोश
GRSE के शेयरों में लगातार तेज़ी देखने को मिल रही है। गुरुवार को स्टॉक 4% की उछाल के साथ ₹2,600 के पार कारोबार करता नज़र आया, जो इसके 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर ₹2,833 के क़रीब है। सिर्फ एक महीने में इस स्टॉक ने 50% की छलांग लगाई है, जबकि पिछले एक साल में इसकी वैल्यू 118% तक बढ़ चुकी है।
इस पूरी प्रगति को देखते हुए साफ है कि GRSE न केवल तकनीकी मोर्चे पर, बल्कि वित्तीय स्तर पर भी मजबूती से आगे बढ़ रही है, और आने वाले समय में यह डिफेंस सेक्टर की एक प्रमुख ताकत बनकर उभर सकती है।
Disclaimer: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें, क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य है। इस जानकारी के आधार पर कोई भी वित्तीय निर्णय आपकी स्वयं की ज़िम्मेदारी होगी।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

