GST Reform: साबुन, शैम्पू से लेकर टू-व्हीलर तक हुए सस्ते, जानें कंपनियों ने कितने घटाए दाम

GST Reform: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों का सीधा असर उपभोक्ता वस्तुओं और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर दिखना शुरू हो गया है। सरकार द्वारा टैक्स दरों में कमी के बाद कई बड़ी कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमतों में कटौती की घोषणा की है। इससे त्योहारों से पहले उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है। […]

GST Reform: साबुन, शैम्पू, टू-व्हीलर और टायर की कीमतों में कटौती

GST Reform: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों का सीधा असर उपभोक्ता वस्तुओं और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर दिखना शुरू हो गया है। सरकार द्वारा टैक्स दरों में कमी के बाद कई बड़ी कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमतों में कटौती की घोषणा की है। इससे त्योहारों से पहले उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है।

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एफएमसीजी कंपनियों की पहल

हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने कहा है कि 22 सितंबर से उनके प्रमुख उत्पाद कम कीमतों पर उपलब्ध होंगे। कंपनी ने डव शैम्पू की कीमत ₹165 से घटाकर ₹145 और लक्स साबुन की कीमत ₹35 से घटाकर ₹30 कर दी है। पर्सनल केयर और खाद्य उत्पादों पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 5% किए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है।

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टायर निर्माताओं की घोषणा

टायर निर्माता CEAT ने भी जीएसटी लाभ सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने का निर्णय लिया है। कंपनी ने अपने पूरे टायर पोर्टफोलियो के दाम घटा दिए हैं। नई दरों के अनुसार, पन्युमैटिक टायर पर जीएसटी 28% से घटकर 18% हो गया है, जबकि ट्रैक्टर टायर पर यह केवल 5% रह गया है।

दोपहिया वाहन सस्ते

ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भी उपभोक्ताओं को राहत मिली है। होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (HMSI) ने मोटरसाइकिल और स्कूटर की कीमतों में अधिकतम ₹18,887 तक की कटौती की है। कंपनी का लोकप्रिय मॉडल एक्टिवा 110 अब ₹7,874 सस्ता हो गया है। दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दर 28% से घटाकर 18% करने से यह राहत संभव हो सकी है।

छोटे पैक पर दुविधा

हालांकि, कंपनियों के सामने छोटे पैक (₹5, ₹10 और ₹20 मूल्य वाले उत्पाद) को लेकर चुनौती बनी हुई है। टैक्स कटौती के बाद इनकी कीमतें अनियमित (जैसे ₹9 या ₹19) हो सकती हैं, लेकिन उपभोक्ता गोल संख्या वाली कीमतों को ज्यादा सहज मानते हैं। ऐसे में कंपनियां कीमतें घटाने की बजाय पैक साइज़ बढ़ाने का विकल्प तलाश रही हैं।

सरकारी निगरानी

सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र मजबूत किया है कि टैक्स दरों में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे। उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय छह महीने तक 54 आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नज़र रखेगा। कंपनियों को भी संशोधित मूल्य सूची सार्वजनिक करने के निर्देश दिए गए हैं।

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