Hindustan Unilever के शेयर दबाव में, CEO के छोटे कार्यकाल से नहीं मिल पा रहा दमदार रिटर्न

Hindustan Unilever: देश की जानी-मानी FMCG कंपनी Hindustan Unilever Ltd (HUL) इन दिनों शेयर बाजार में कमजोर प्रदर्शन को लेकर सुर्खियों में है। दिलचस्प बात यह है कि जब भी कंपनी में किसी सीईओ का कार्यकाल कम रहा है, उस दौरान HUL के शेयरों का प्रदर्शन कमजोर ही रहा है। कम कार्यकाल वाले CEO के […]

Hindustan Unilever के CEO के छोटे कार्यकाल के चलते शेयरों में दबाव

Hindustan Unilever: देश की जानी-मानी FMCG कंपनी Hindustan Unilever Ltd (HUL) इन दिनों शेयर बाजार में कमजोर प्रदर्शन को लेकर सुर्खियों में है। दिलचस्प बात यह है कि जब भी कंपनी में किसी सीईओ का कार्यकाल कम रहा है, उस दौरान HUL के शेयरों का प्रदर्शन कमजोर ही रहा है।

कम कार्यकाल वाले CEO के समय शेयरों की रफ्तार सुस्त

कंपनी के इतिहास पर नजर डालें तो ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले Douglas Anderson Baillie के कार्यकाल के दौरान भी HUL के शेयरों में कोई खास रफ्तार नहीं देखी गई थी। Baillie का कार्यकाल बेहद छोटा रहा था — दो साल से भी कम।

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अब मौजूदा CEO Rohit Jawa के कार्यकाल की बात करें तो वह जून 2023 में इस पद पर आए थे। उनके कार्यकाल में भी अब तक कंपनी के शेयर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। बाजार में गिरावट के इस दौर में HUL का शेयर सुस्ती में ही दिख रहा है।

शेयर में बड़ी गिरावट से निवेशकों में चिंता

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, HUL के शेयरों में फिलहाल दबाव बना हुआ है। अभी शेयर का भाव ₹2,519.60 है, जो आज की ट्रेडिंग में ₹111.20 यानी करीब 4.62% तक टूट चुका है।

निवेशकों के बीच इस गिरावट को लेकर चिंता का माहौल है। जानकारों का कहना है कि CEO के छोटे कार्यकाल के दौरान बाजार को नेतृत्व पर भरोसा नहीं बन पाता, जिससे शेयर पर दबाव बना रहता है।


लंबे कार्यकाल वाले CEO के समय शानदार ग्रोथ

विशेषज्ञों की मानें तो HUL में जब-जब CEO का कार्यकाल लंबा रहा है, तब-तब कंपनी के शेयरों ने बेहतरीन रिटर्न दिए हैं। लंबी अवधि में CEO को रणनीति बनाने, बिजनेस मॉडल को मजबूत करने और निवेशकों का भरोसा जीतने का समय मिल जाता है, जिससे शेयर भी मजबूत होता है।

निवेशकों को फिलहाल धैर्य रखने की सलाह

मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि मौजूदा हालात में निवेशकों को जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है। CEO Rohit Jawa के पास अभी समय है और अगर वे कंपनी की रणनीति को बेहतर तरीके से लागू करते हैं तो आगे चलकर कंपनी के शेयरों में रिकवरी संभव है।

हालांकि, इस समय बाजार के उतार-चढ़ाव और कंपनी के कमजोर शेयर प्रदर्शन को देखकर निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।

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