Income Tax Alert: भारत के आयकर विभाग ने विदेशी संपत्तियों से जुड़ी जानकारी छुपाने वाले करदाताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। विभाग ने करीब 25,000 ऐसे टैक्सपेयर्स की पहचान की है, जिन्हें हाई-रिस्क श्रेणी में रखा गया है। इन सभी को SMS और ईमेल के जरिए अलर्ट भेजे जा रहे हैं, ताकि वे 31 दिसंबर 2025 से पहले अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में जरूरी सुधार कर सकें और आगे की कार्रवाई से बच सकें।
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क्यों भेजे जा रहे हैं नोटिस और अलर्ट
आयकर विभाग को कई अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से विदेशी खातों और संपत्तियों से जुड़ा डेटा मिल रहा है। इस जानकारी के आधार पर यह पाया गया है कि कुछ करदाताओं ने अपनी रिटर्न फाइलिंग के दौरान विदेश में मौजूद आय, बैंक अकाउंट या निवेश का सही खुलासा नहीं किया। विभाग अब ऐसे मामलों में पहले चेतावनी देकर स्वैच्छिक अनुपालन का मौका दे रहा है।
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ग्लोबल डेटा से मिली जानकारी
इस पूरी मुहिम में आयकर विभाग को अंतरराष्ट्रीय सूचना साझा करने वाले ढांचों से बड़ा सहयोग मिला है। इसमें कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (CRS) और FATCA जैसे वैश्विक सिस्टम शामिल हैं, जिनके जरिए अलग-अलग देशों के टैक्स प्राधिकरण आपस में वित्तीय जानकारी साझा करते हैं। इन स्रोतों से मिले डेटा के आधार पर विभाग ने अब तक करीब 1,080 मामलों की जांच पूरी कर ली है।
अब तक कितनी टैक्स डिमांड बनी
जून 2025 तक की स्थिति के अनुसार, इन जांचों के बाद आयकर विभाग ने लगभग 40,000 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड तैयार की है। अधिकारियों का मानना है कि जैसे-जैसे बाकी मामलों की जांच आगे बढ़ेगी, यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। विभाग का फोकस केवल टैक्स वसूली पर नहीं, बल्कि भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने पर भी है।
नियमों का पालन न करने पर क्या होगा
चार्टर्ड अकाउंटेंट चिराग चौहान के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति विदेशी संपत्ति की जानकारी जानबूझकर नहीं देता है, तो उस पर ब्लैक मनी एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस कानून के तहत 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, नियमों में एक राहत भी दी गई है।
किन मामलों में नहीं लगेगा जुर्माना
यदि किसी करदाता की अघोषित विदेशी संपत्ति (अचल संपत्ति को छोड़कर) की कुल वैल्यू 20 लाख रुपये या उससे कम है, तो उस पर जुर्माना नहीं लगाया जाता। लेकिन इसके बावजूद सही जानकारी देना जरूरी होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि छोटी राशि होने पर भी गलत जानकारी देने से भविष्य में दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।
