India–US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट नतीजा सामने नहीं आया है। ऐसे में यह चर्चा तेज हो गई है कि अगर दोनों देशों के बीच कोई औपचारिक ट्रेड डील नहीं होती, तो भारत आगे किस दिशा में कदम बढ़ाएगा। सरकार के हालिया फैसलों और नीतिगत संकेतों से साफ है कि इस स्थिति को लेकर केवल अनुमान नहीं, बल्कि ठोस तैयारी पहले ही की जा चुकी है।
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दोहरी रणनीति पर काम कर रही है सरकार
सरकार फिलहाल एक साथ दो मोर्चों पर आगे बढ़ रही है। पहला, अमेरिका के साथ बातचीत का सिलसिला जारी रखना ताकि मौजूदा कारोबारी रिश्तों में अचानक गिरावट न आए। दूसरा, घरेलू स्तर पर ऐसे सुधार लागू करना जो किसी भी बाहरी झटके के असर को सीमित कर सकें। इस रणनीति का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि टैरिफ या वैश्विक तनाव का सीधा नुकसान अर्थव्यवस्था पर न पड़े।
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घरेलू सुधारों से बढ़ाया जा रहा बाजार का आकर्षण
बीते कुछ महीनों में किए गए आर्थिक और संरचनात्मक सुधार इस बात का संकेत हैं कि सरकार केवल विदेश नीति पर निर्भर नहीं रहना चाहती। निवेश नियमों को आसान करना, नए सेक्टर्स को खोलना और बाजार संरचना को आधुनिक बनाना ऐसे कदम हैं जो भारत को वैश्विक निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय दबाव की धारणा को बदलने की कोशिश
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहले यह माना जा रहा था कि विदेशी निवेशकों और उद्योग समूहों के दबाव में भारत को झुकना पड़ सकता है। लेकिन सरकार के हालिया फैसलों ने इस सोच को चुनौती दी है। घरेलू सुधारों के जरिए भारत यह संदेश दे रहा है कि वह आत्मनिर्भर नीतियों के साथ आगे बढ़ने में सक्षम है।
संसद में लिए गए फैसलों से खुला निवेश का रास्ता
शीतकालीन सत्र के दौरान संसद से पारित अहम विधेयकों ने निवेश के नए दरवाजे खोले हैं। निजी क्षेत्र के लिए परमाणु ऊर्जा जैसे सेक्टर खोलना और बीमा उद्योग में पूर्ण विदेशी स्वामित्व की अनुमति देना, दीर्घकालिक पूंजी को आकर्षित करने की दिशा में बड़े कदम माने जा रहे हैं।
नए साझेदारों के साथ व्यापारिक रिश्तों पर फोकस
अमेरिका पर निर्भरता कम करने के लिए भारत ने अन्य देशों के साथ व्यापारिक संवाद तेज कर दिया है। यूरोपीय संघ, खाड़ी देशों और एशियाई बाजारों के साथ बातचीत से निर्यात के वैकल्पिक रास्ते तैयार किए जा रहे हैं। इससे भारत के लिए जोखिम का दायरा सीमित करने में मदद मिल सकती है।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।


