Indian Overseas Bank Q1 Results: इंडियन ओवरसीज़ बैंक (IOB) ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही (Q1FY25) के नतीजे जारी करते हुए एक मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया है। बैंक ने इस दौरान न सिर्फ आय और मुनाफे में उल्लेखनीय वृद्धि की, बल्कि अपने एसेट क्वालिटी के मोर्चे पर भी अहम सुधार दिखाया है।
ब्याज आय में 13% की बढ़ोतरी
बैंक की कुल ब्याज से कमाई ₹7,380 करोड़ रही, जो पिछले साल की पहली तिमाही में ₹6,535 करोड़ थी। साल-दर-साल आधार पर यह लगभग 13% की ग्रोथ है। बैंक प्रबंधन के अनुसार, यह उछाल लोन बुक के विस्तार और बेहतर रिकवरी की वजह से संभव हुआ।
शुद्ध लाभ 1,100 करोड़ के पार
बैंक का शुद्ध मुनाफा ₹1,100 करोड़ रहा, जो बीते साल की समान अवधि में ₹634 करोड़ था। यानी 75% की बढ़त। यह लाभ बैंकिंग सेक्टर के लिए सकारात्मक संकेत देता है, खासकर ऐसे समय में जब कई सरकारी बैंक पुनर्गठन और NPA दबाव से जूझ रहे हैं।
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NPA के आंकड़ों में राहत
Q1FY25 में बैंक का ग्रॉस NPA अनुपात घटकर 1.97% रह गया, जो पिछली तिमाही में 2.14% था। इसी तरह नेट NPA भी 0.37% से घटकर 0.32% पर आ गया। यह साफ संकेत है कि बैंक की ऋण वसूली और जोखिम नियंत्रण नीति असरदार साबित हो रही है।
प्रावधानों में भी कमी
बैंक ने इस तिमाही में NPA के लिए ₹170 करोड़ का प्रावधान किया, जबकि पिछली तिमाही में यह आंकड़ा ₹200 करोड़ था। इससे यह संकेत मिलता है कि बैंक को अपने ऋण पोर्टफोलियो में जोखिम की आशंका पहले से कम लग रही है।
शेयर में हल्की बढ़त
नतीजों के बाद निवेशकों की हल्की सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। IOB का शेयर 1.18% की बढ़त के साथ ₹40.30 पर बंद हुआ। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बैंक आने वाली तिमाहियों में भी यही ट्रेंड बरकरार रखता है, तो इसका शेयर लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए आकर्षक बना रह सकता है।
आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।

