Indian Rupee: रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने बढ़ाया दबाव

Indian Rupee: शुक्रवार के शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 23 पैसे की गिरावट दर्ज की और 89.94 प्रति डॉलर पर आ गया। विश्लेषकों का कहना है कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली, घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने इस कमजोरी को बढ़ावा […]

Indian Rupee: शुक्रवार के शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 23 पैसे की गिरावट दर्ज की और 89.94 प्रति डॉलर पर आ गया। विश्लेषकों का कहना है कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली, घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने इस कमजोरी को बढ़ावा दिया।

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विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी

बुधवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार से कुल 1,721.26 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी बेची। छुट्टियों के दौरान सीमित बाजार तरलता के कारण यह बिकवाली रुपये पर अतिरिक्त दबाव डाल रही है। पिछले सप्ताह रुपये ने अस्थायी रूप से 89.00 के स्तर तक मजबूती दिखाई थी, लेकिन लगातार बिकवाली ने इसे बनाए रखना मुश्किल कर दिया।

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घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी

भारतीय इक्विटी बाजारों में सुस्ती और निवेशकों की सतर्कता भी रुपये की कमजोरी का एक प्रमुख कारण रही। बाजार विश्लेषकों ने बताया कि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और घरेलू बाजार की मंदी ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया और रुपये पर दबाव बढ़ाया।

अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों का प्रभाव

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भी रुपये के लिए चुनौती बन रही हैं। भारत एक बड़ा तेल आयातक देश होने के कारण कीमतों में तेजी से चालू खाता घाटा बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय तेल मूल्य में उतार-चढ़ाव सीधे रुपये की विनिमय दर को प्रभावित करता है।

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर अनिश्चितता

रुपये की कमजोरी में भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता को लेकर अनिश्चितता का भी योगदान रहा। अधिकारियों ने कहा कि दोनों देश आपसी टैरिफ कम करने के लिए प्रारंभिक ढांचे के समझौते के करीब हैं, लेकिन समयसीमा तय नहीं हुई है। इस अनिश्चितता ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया और विदेशी निवेशकों की बिकवाली को तेज किया।

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