India Biggest IPO Year: घरेलू निवेशकों की लहर से 2025 में जुटे 2.2 लाख करोड़ रुपये, 111 कंपनियों की हुई शानदार लिस्टिंग

2025 भारत के IPO बाजार के लिए ऐतिहासिक साल साबित हुआ। घरेलू निवेशकों की लहर से अब तक 111 कंपनियों ने मिलकर करीब 2.2 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। मजबूत लिक्विडिटी, डिजिटल निवेश प्लेटफॉर्म और स्थिर बाजार माहौल के चलते यह साल भारतीय इक्विटी इतिहास का सबसे बड़ा IPO वर्ष बन गया है।

IPO Market 2025 में रिकॉर्ड फंडिंग के बावजूद केवल कुछ IPO ने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया

India Biggest IPO Year: पिछले एक साल में भारत का आईपीओ बाजार तेजी से बढ़ा है। नई कंपनियों की बाढ़, रिकॉर्ड पूंजी जुटाव और निवेशकों की गहरी दिलचस्पी ने इसे अब तक का सबसे ऊर्जावान दौर बना दिया है। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, 1 अक्टूबर 2024 से 24 अक्टूबर 2025 के बीच 288 कंपनियों ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया है। इन कंपनियों का लक्ष्य लगभग 4.18 लाख करोड़ रुपये जुटाने का है, जो भारतीय आईपीओ इतिहास में अभूतपूर्व है।

यह भी पढ़ें: Mazagon Dock Share Price Today: मजबूत नतीजों से Mazagon Dock के शेयर में जोश, नेट प्रॉफिट 28% बढ़ा और स्टॉक 50% ऊपर

सेबी की मंजूरी और अब तक का प्रदर्शन

इन 288 में से 174 कंपनियों को सेबी से हरी झंडी मिल चुकी है, जिनके इश्यू का कुल मूल्य करीब 2.71 लाख करोड़ रुपये है। वहीं 111 कंपनियों ने पहले ही बाजार में कदम रख दिया है और उन्होंने संयुक्त रूप से करीब 2.18 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई है।

यह भी पढ़ें: Lenskart IPO: ₹7,278 करोड़ का आईपीओ 31 अक्टूबर से खुलेगा, जानिए GMP और लिस्टिंग डेट

पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह आंकड़ा कई गुना अधिक है। अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 के बीच केवल 133 कंपनियों ने आवेदन किए थे, जिनमें से 85 ही सूचीबद्ध हो पाईं और उन्होंने कुल 0.86 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। इससे स्पष्ट है कि 2025 में भारतीय इक्विटी बाजार में निवेशकों का भरोसा नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुका है।

मेगा आईपीओ की लहर: हुंडई से स्विगी तक

पिछले एक साल में कई बड़े कॉरपोरेट हाउस आईपीओ के जरिये शेयर बाजार में उतरे। इनमें सबसे चर्चित रहा हुंडई मोटर इंडिया का इश्यू, जिसने 27,859 करोड़ रुपये जुटाकर भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ पेश किया।

इसके अलावा टाटा कैपिटल, एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज, स्विगी, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज, विशाल मेगा मार्ट और बजाज हाउसिंग फाइनेंस जैसी कंपनियों ने भी निवेशकों का ध्यान खींचा।

घरेलू निवेशक बने बाजार की रीढ़

आईपीओ बूम की असली ताकत विदेशी नहीं बल्कि घरेलू निवेशक हैं। इक्विरस कैपिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर भावेश शाह के मुताबिक, हर महीने करीब 30,000 करोड़ रुपये की SIP इनफ्लो के चलते बाजार में पर्याप्त लिक्विडिटी बनी हुई है। इससे कंपनियों को विदेशी फंड पर निर्भर हुए बिना अपने इश्यू को सफल बनाने में मदद मिली है।

आनंद राठी वेल्थ के जॉइंट सीईओ फिरोज अज़ीज़ का कहना है कि यूपीआई और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने खुदरा निवेशकों की पहुंच को बेहद आसान बना दिया है, जिससे उनकी भागीदारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।

विश्लेषक बोले, रफ्तार बरकरार रहेगी

विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी अभी थमने वाली नहीं है। मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के सीईओ अमित रामचंदानी के अनुसार, आने वाले साल में मेनबोर्ड आईपीओ में करीब 20% की बढ़ोतरी देखी जा सकती है और 130 से 135 नई लिस्टिंग्स की संभावना है।

शाह के अनुसार, जब तक वैल्यूएशन तार्किक हैं और लिक्विडिटी बनी हुई है, अगले 12 से 18 महीनों तक आईपीओ बाजार में मजबूत गतिविधि जारी रहेगी।

Scroll to Top