Indiqube IPO: 700 करोड़ की लिस्टिंग, लेकिन ग्रे मार्केट ने दिखाया जीरो भरोसा – जानिए वजह

Indiqube IPO: इंडी-क्यूब स्पेसेस ने बुधवार को अपने आईपीओ के जरिए भारतीय शेयर बाजार में कदम रख दिया है। यह लिस्टिंग ऐसे वक्त पर हुई है जब ग्रे मार्केट में कंपनी के शेयरों को लेकर किसी तरह का प्रीमियम देखने को नहीं मिला, जिससे यह संकेत मिलता है कि निवेशकों का रुख थोड़ा सतर्क है। […]

IPO News: Rayzon Solar और PNGS ज्वेलरी सहित सात कंपनियों का IPO 2025 SEBI मंजूरी

Indiqube IPO: इंडी-क्यूब स्पेसेस ने बुधवार को अपने आईपीओ के जरिए भारतीय शेयर बाजार में कदम रख दिया है। यह लिस्टिंग ऐसे वक्त पर हुई है जब ग्रे मार्केट में कंपनी के शेयरों को लेकर किसी तरह का प्रीमियम देखने को नहीं मिला, जिससे यह संकेत मिलता है कि निवेशकों का रुख थोड़ा सतर्क है।

यह भी पढ़ें: Shree Refrigerations IPO: ₹90 GMP और 41x सब्सक्रिप्शन के साथ क्लोजिंग, SME लिस्टिंग पर 72% रिटर्न संभव

इस आईपीओ के जरिए कंपनी ने कुल 700 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था, जिसमें से 650 करोड़ रुपये का हिस्सा नए शेयरों के रूप में जारी किया गया और शेष 50 करोड़ रुपये प्रमोटरों द्वारा बिक्री प्रस्ताव (OFS) के तहत रखा गया। प्रति शेयर कीमत 237 रुपये तय की गई थी।

बड़ी संस्थागत भागीदारी

आईपीओ से पहले इंडी-क्यूब ने संस्थागत निवेशकों से 314.32 करोड़ रुपये की राशि जुटा ली थी। यह दर्शाता है कि बड़े निवेशकों का कंपनी में भरोसा है, लेकिन आम निवेशकों और रिटेल सेगमेंट में कुछ हिचकिचाहट दिखाई दी।

कंपनी का बिजनेस मॉडल और विस्तार

इंडी-क्यूब भारत में मैनेज्ड ऑफिस स्पेस प्रोवाइड करने वाली प्रमुख कंपनियों में शामिल है। फिलहाल कंपनी देशभर के 15 शहरों में कुल 105 ऑफिस सेंटर्स का संचालन कर रही है। इसके तहत कंपनी के पास 8.4 मिलियन स्क्वायर फीट का वर्कस्पेस मैनेजमेंट है। कंपनी तीन प्रमुख मॉडल्स पर काम करती है — इंडीक्यूब ग्रो, इंडीक्यूब बिस्पोक और इंडीक्यूब वन। इन वर्टिकल्स के माध्यम से वह स्टार्टअप्स, एमएसएमई और बड़े कॉर्पोरेट्स को वर्कस्पेस सॉल्यूशन्स उपलब्ध कराती है।

यह भी पढ़ें: पटेल केम IPO को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पॉन्स, ₹40 GMP और 37x सब्सक्रिप्शन के साथ शानदार क्लोजिंग

वित्तीय स्थिति में सुधार, लेकिन मुनाफा अब भी दूर

हालांकि कंपनी की आय में हाल के वर्षों में सुधार देखने को मिला है और ऑपरेशंस का दायरा भी बढ़ा है, लेकिन यह अब भी घाटे में चल रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी को 139.62 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ, हालांकि यह घाटा पिछले साल के मुकाबले कुछ कम हुआ है। यह गिरावट इस ओर संकेत करती है कि कंपनी अपने खर्चों और ऑपरेशंस को बेहतर ढंग से मैनेज करने की दिशा में प्रयासरत है।

शेयर बाजार में मिली ठंडी प्रतिक्रिया

बुधवार को जब कंपनी के शेयर NSE और BSE पर सूचीबद्ध हुए, तो ग्रे मार्केट में इसका कोई खास असर नहीं देखा गया। लिस्टिंग से पहले भी ग्रे मार्केट में इस आईपीओ का प्रीमियम शून्य बना रहा, जो इस बात को दर्शाता है कि निवेशकों को कंपनी के भविष्य को लेकर अभी भी संदेह है या वे सतर्कता बरतना चाहते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top