IndusInd Bank Insider Trading: SEBI ने पकड़ा करोड़ों का खेल, टॉप अधिकारियों पर गिरी गाज

IndusInd Bank Insider Trading: भारतीय शेयर बाजार नियामक संस्था SEBI ने इंडसइंड बैंक के पांच पूर्व उच्च अधिकारियों के खिलाफ इनसाइडर ट्रेडिंग के गंभीर आरोपों में बड़ी कार्रवाई की है। SEBI ने इन अधिकारियों को किसी भी प्रकार का शेयर बाजार लेन-देन करने से रोक लगा दी है। यह मामला बैंक के डेरिवेटिव्स से जुड़े […]

SEBI द्वारा पकड़ा गया IndusInd Bank का इनसाइडर ट्रेडिंग घोटाला

IndusInd Bank Insider Trading: भारतीय शेयर बाजार नियामक संस्था SEBI ने इंडसइंड बैंक के पांच पूर्व उच्च अधिकारियों के खिलाफ इनसाइडर ट्रेडिंग के गंभीर आरोपों में बड़ी कार्रवाई की है। SEBI ने इन अधिकारियों को किसी भी प्रकार का शेयर बाजार लेन-देन करने से रोक लगा दी है।

यह मामला बैंक के डेरिवेटिव्स से जुड़े डेटा में गड़बड़ी का है, जिसकी जानकारी बैंक प्रबंधन को काफी पहले मिल चुकी थी। बावजूद इसके, यह जानकारी समय पर बाजार नियामक और एक्सचेंज को नहीं दी गई, जिससे लाखों रुपये का गैरकानूनी लाभ कमाया गया।

SEBI की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार, इनसाइडर जानकारी के आधार पर इन पांच अधिकारियों ने करोड़ों की कमाई की। इस जांच रिपोर्ट में बैंक के पूर्व डिप्टी सीईओ अरुण खुराना, सुरेश सौरभ, रोहन जयनाथ, अनिल मार्क, और एक अन्य अधिकारी का नाम शामिल है।Bharat Electronics: लगातार बढ़ती कीमतें, शॉर्ट सेलर्स के लिए बनी मुसीबत

इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने ऐसी जानकारी का लाभ उठाया जो सार्वजनिक नहीं थी, और शेयरों में हेरफेर करके निजी लाभ कमाया। SEBI ने पाया कि यह पूरा नेटवर्क योजना के तहत चलाया गया था, जिसमें इन अधिकारियों ने पोजीशन लेकर गलत तरीके से लाभ अर्जित किया।

बैंक पहले से था जानकारी में?

SEBI की रिपोर्ट बताती है कि इंडसइंड बैंक प्रबंधन को डेरिवेटिव्स से संबंधित विसंगतियों की जानकारी 15 महीने पहले मिल चुकी थी, लेकिन बैंक ने समय रहते यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की। यह बात नियामक के संज्ञान में आने के बाद अब बड़ा विवाद बन चुकी है।

आगे क्या हो सकता है?

SEBI की इस कार्रवाई से संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में इन अधिकारियों पर और भी सख्त कानूनी कार्रवाई हो सकती है। बैंक की छवि को भी इस पूरे मामले से बड़ा झटका लगा है।

यह मामला ना केवल इंडसइंड बैंक की साख के लिए गंभीर है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि इनसाइडर ट्रेडिंग जैसे मामलों को अब नियामक कितनी गंभीरता से ले रहा है।

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