Infosys foreign revenue: विदेशी रेवेन्यू में इंफोसिस ने मारी बाज़ी, ग्लोबल IT सेक्टर में कायम किया दबदबाभारत की जानी-मानी आईटी कंपनी इंफोसिस ने विदेशी बाजारों से होने वाली आय के मामले में रिलायंस और टीसीएस जैसी बड़ी कंपनियों को पछाड़ दिया है। ग्लोबल स्तर पर मजबूत पकड़ और डिजिटल सेवाओं की बढ़ती मांग के चलते कंपनी ने शानदार प्रदर्शन किया है। आइए जानते हैं कि इंफोसिस को विदेशों से कितना राजस्व प्राप्त हुआ और इसके पीछे की प्रमुख वजहें क्या हैं।
चौथी तिमाही में विदेशी बाजार से बड़ी कमाई
वित्त वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही में इंफोसिस का कुल राजस्व 40,925 करोड़ रुपये रहा। इसमें से 473 करोड़ डॉलर की कमाई विदेशी बाजारों से हुई, जो भारतीय मुद्रा में लगभग 37,000 करोड़ रुपये से अधिक है। यानी कुल आय का लगभग 90% हिस्सा केवल विदेशी ग्राहकों से आया। इससे पहले की तीसरी तिमाही में भी कंपनी ने बेहतर प्रदर्शन किया था, जहां कुल आय 41,764 करोड़ रुपये रही थी और इसमें से 493.9 करोड़ डॉलर की हिस्सेदारी अंतरराष्ट्रीय बाजारों से थी।
इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि इंफोसिस की कमाई का मुख्य स्रोत भारत नहीं बल्कि विदेश है। कंपनी की कमाई का अधिकांश हिस्सा डॉलर में आता है, जिससे वह देश की सबसे बड़ी विदेशी आय अर्जित करने वाली आईटी कंपनी बन गई है।₹1 से कम कीमत वाला IFL Enterprises स्टॉक 19% चढ़ा | शानदार तिमाही नतीजों से उछला शेयर
किन देशों से आता है अधिक राजस्व?
इंफोसिस की सेवाएं अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में फैली हुई हैं। खासकर उत्तरी अमेरिका और यूरोप में कंपनी की पकड़ सबसे मजबूत है। वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी ने कुल 18.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रेवेन्यू कमाया था, जिसमें से 97% से अधिक विदेशी बाजारों से आया था।
- उत्तरी अमेरिका से: 61%
- यूरोप से: 25%
- भारत से: सिर्फ 3%
- अन्य देशों (जैसे जापान, ऑस्ट्रेलिया, मिडल ईस्ट) से: 11%
इससे यह साफ है कि इंफोसिस का फोकस मुख्य रूप से वैश्विक क्लाइंट्स पर है और यह रणनीति उन्हें बाकी भारतीय कंपनियों से आगे ले जा रही है।
सफलता के पीछे की चार बड़ी वजहें
- डिजिटल सर्विसेज़ में महारत
इंफोसिस के राजस्व का लगभग 57% हिस्सा डिजिटल सेवाओं से आता है, जिसमें क्लाउड, डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शामिल हैं। इसके दो प्रमुख एआई प्लेटफॉर्म – Aster और Topaz – को खासतौर पर विदेशी ग्राहकों की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। - वैश्विक विस्तार
कंपनी की सेवाएं 55 से ज्यादा देशों में उपलब्ध हैं। अमेरिका और यूरोप में इसके बहुत बड़े और स्थायी क्लाइंट बेस हैं, जो इसकी लगातार बढ़ती कमाई में योगदान देते हैं। - स्मार्ट अधिग्रहण रणनीति
हाल के वर्षों में इंफोसिस ने कुछ स्मार्ट अधिग्रहण किए हैं, जिससे उसकी डिजिटल और मार्केटिंग क्षमताएं बढ़ी हैं। इससे वह ज्यादा तकनीकी रूप से सशक्त और प्रतिस्पर्धी बनी है। - कुशल भारतीय वर्कफोर्स
इंफोसिस के कुल कर्मचारियों में से 85% भारत में कार्यरत हैं, और कंपनी उन्हें लगातार डिजिटल स्किल्स में प्रशिक्षित करती रहती है। यह दक्षता ही उसकी वैश्विक पहचान का आधार है।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।