IT Sector Outlook: भारतीय आईटी सेक्टर में अलर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर उत्साह तो है, लेकिन वास्तविक विकास अपेक्षाओं के अनुसार धीमा रहा है। Julius Baer के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर नितिन राहेजा के अनुसार, वैश्विक बाजारों के मुकाबले भारत में अभी तक AI का व्यापक उपयोग नहीं देखा गया है। अधिकांश भारतीय कंपनियां इस क्षेत्र में पीछे हैं और उन्हें अपनी पारंपरिक कम पूंजीगत व्यय (Capex) और उच्च ROCE मॉडल से हटकर नई तकनीक में निवेश करना पड़ रहा है।
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AI और तकनीकी सेवाओं का बदलाव
राहेजा का कहना है कि तकनीकी सेवा कंपनियों को अब AI क्षमता विकसित करने की आवश्यकता है। डेटा सेंटर, हार्डवेयर असेम्बलर्स और सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन को इस बदलाव से सबसे पहले लाभ मिलने की संभावना है। हालांकि बड़े आईटी कंपनियों की ग्रोथ धीमी रहने की संभावना है और AI से उत्पादकता बढ़ने के बावजूद मार्जिन पर दबाव पड़ सकता है।
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मिडकैप आईटी कंपनियों में अवसर
राहेजा मिडकैप आईटी कंपनियों में बेहतर संभावनाएं देखते हैं। ये कंपनियां नई तकनीक को तेजी से अपनाने में सक्षम हैं और निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर प्रदान कर सकती हैं। इसके अलावा, उपभोक्ता मांग भारतीय बाजार का मुख्य थीम बनी रहेगी, जिसमें सरकारी नीतियों और आगामी राज्य चुनावों का समर्थन मिलेगा।
वित्तीय क्षेत्र और अगले वर्ष की उम्मीदें
राहेजा का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2026 में आय में सुधार देखने को मिल सकता है, जिसमें 15-16% की ग्रोथ संभावित है। इसका प्रमुख कारण वित्तीय क्षेत्र का मजबूत प्रदर्शन होगा, जो भारतीय बाजार पूंजी का लगभग एक-तिहाई हिस्सा है। उन्हें उम्मीद है कि क्रेडिट ग्रोथ वर्तमान 8-9% से बढ़कर 12-13% तक पहुंच सकती है, जिससे वित्तीय क्षेत्र से 14-15% आय वृद्धि संभव है। राहेजा शीर्ष स्तर के प्राइवेट बैंक और चुनिंदा PSU बैंकों को प्राथमिकता देते हैं।
बाजार के लिए समग्र दृष्टिकोण
वित्तीय और तकनीकी क्षेत्रों में निवेश के अवसर अलग-अलग हैं। बड़े आईटी कंपनियों में धीमी ग्रोथ और संभावित मार्जिन दबाव के कारण सतर्कता आवश्यक है। वहीं, मिडकैप कंपनियों में नए AI निवेश और तेजी से अपनाने की क्षमता निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत देती है। इसके अलावा, सरकार की नीतियां और उपभोक्ता मांग बाजार में स्थिरता बनाए रखने में मदद करेंगी।
आर्थिक स्थिति और वृद्धि के संकेत
राहेजा का मानना है कि अगर महंगाई RBI के अनुमानित 4-4.5% स्तर पर बनी रहती है, तो अगले वर्ष GDP ग्रोथ 10.5-11% तक पहुंच सकती है। यह संकेत देता है कि व्यापक अर्थव्यवस्था में विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं, जो उपभोक्ता मांग और वित्तीय क्षेत्र की वृद्धि को और बल दे सकती हैं।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।