ITR Filing 2025: इन गलतियों से बचें वरना आ सकता है इनकम टैक्स नोटिस

ITR Filing 2025: आयकर विभाग के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर, 2025 है। तारीख नजदीक आते ही लाखों लोग पोर्टल पर रिटर्न फाइल करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में अगर आपने अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो समय रहते […]

ITR Filing 2025 में होने वाली आम गलतियां और इनकम टैक्स नोटिस से बचने के तरीके

ITR Filing 2025: आयकर विभाग के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर, 2025 है। तारीख नजदीक आते ही लाखों लोग पोर्टल पर रिटर्न फाइल करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में अगर आपने अभी तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है, तो समय रहते इसे निपटाना ज़रूरी है। देर करने पर जहां पेनाल्टी लगेगी, वहीं रिफंड मिलने में भी परेशानी आ सकती है।

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क्यों ज़रूरी है सावधानी?

जल्दबाज़ी में अक्सर टैक्सपेयर्स से गलतियां हो जाती हैं। छोटी-सी चूक भी आयकर अधिनियम का उल्लंघन मानी जाती है और आगे चलकर नोटिस आने की संभावना बढ़ा देती है। तनाव से बचने और रिटर्न को बिना बाधा पूरा करने के लिए कुछ अहम कदम ध्यान में रखना ज़रूरी है।

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ज़रूरी कागज़ात तैयार रखें

रिटर्न फाइल करने से पहले सारे डॉक्युमेंट एक जगह रखें। इसमें फॉर्म 16, वार्षिक सूचना विवरण (AIS), बैंक खाता स्टेटमेंट, TDS सर्टिफिकेट और निवेश प्रूफ शामिल हों। सही डॉक्युमेंट्स होने से डेटा भरते समय ग़लती की गुंजाइश कम हो जाती है।

अपनी आय के अनुसार सही फॉर्म चुनें

हर टैक्सपेयर की आय अलग होती है और उसी हिसाब से ITR फॉर्म भी बदलता है।

  • केवल सैलरी पर निर्भर लोगों के लिए ITR-1 उपयुक्त है।
  • अगर आय में किराया, कैपिटल गेन या व्यवसाय शामिल है तो ITR-2 या ITR-3 भरना चाहिए।

गलत फॉर्म भरने पर रिटर्न की प्रोसेसिंग में दिक्कत आ सकती है।

बैंक अकाउंट वैलिडेट करना न भूलें

रिफंड उसी खाते में मिलेगा जो आधार और पैन से लिंक और आयकर पोर्टल पर प्री-वैलिडेटेड है। अगर यह स्टेप छूट गया तो रिफंड आने में महीनों लग सकते हैं।

सभी आय स्रोतों की जानकारी दें

सैलरी के अलावा ब्याज, किराये की आमदनी, शेयर-बाज़ार से होने वाला मुनाफा, कृषि से आय या टैक्स-फ्री इनकम—सभी का उल्लेख करना अनिवार्य है। पूरी जानकारी देने से विभाग की ओर से नोटिस आने की संभावना कम हो जाती है।

टैक्स बकाया है तो पहले जमा करें

यदि कटौती के बाद भी कुछ टैक्स बचता है तो उसे चालान बनाकर भरना ज़रूरी है। ऐसा न करने पर धारा 234A, 234B और 234C के तहत ब्याज और जुर्माना लगाया जाएगा।

ई-वेरिफिकेशन ज़रूरी

ITR जमा करने के बाद उसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से सत्यापित करना आवश्यक है। आधार ओटीपी, नेट बैंकिंग या डिजिटल सिग्नेचर के ज़रिए यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। ध्यान रखें कि 30 दिन के भीतर वेरिफिकेशन न होने पर रिटर्न अमान्य माना जाएगा।

 

 

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