ITR Verification 2025: आधार OTP से लेकर ITR-V तक, जानें 7 आसान ई-वेरिफिकेशन के तरीके

ITR Verification 2025: अगर आपने अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर दिया है तो समझिए काम अभी पूरा नहीं हुआ है। आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक, रिटर्न फाइल करने के बाद 30 दिन के भीतर उसका वेरीफिकेशन (सत्यापन) करना अनिवार्य होता है। अगर आपने ये स्टेप समय पर नहीं पूरा किया, तो आपका […]

ITR Filing 2025 में होने वाली आम गलतियां और इनकम टैक्स नोटिस से बचने के तरीके

ITR Verification 2025: अगर आपने अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर दिया है तो समझिए काम अभी पूरा नहीं हुआ है। आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक, रिटर्न फाइल करने के बाद 30 दिन के भीतर उसका वेरीफिकेशन (सत्यापन) करना अनिवार्य होता है। अगर आपने ये स्टेप समय पर नहीं पूरा किया, तो आपका रिटर्न अमान्य हो सकता है। इतना ही नहीं, इससे जुर्माना, ब्याज और रिफंड में देरी जैसी समस्याएं भी खड़ी हो सकती हैं।

कई टैक्सपेयर्स ITR फाइल करने के बाद यह मान लेते हैं कि उनका काम पूरा हो गया, लेकिन वेरीफिकेशन न करने की गलती बहुत महंगी पड़ सकती है। ऐसे में जरूरी है कि रिटर्न फाइल करने के बाद उसका ई-वेरिफिकेशन जरूर किया जाए।

यह भी पढ़ें: Hazoor Multi Projects: ₹0.12 से ₹39.86 तक का सफर, 5 साल में 33,000% का रिटर्न

आईटीआर वेरीफिकेशन के 7 आसान विकल्प

आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए आईटीआर वेरीफाई करने के 7 अलग-अलग विकल्प दिए हैं, ताकि आप बिना किसी झंझट के प्रक्रिया पूरी कर सकें:

  1. आधार OTP के जरिए ई-वेरिफिकेशन:
    यह सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका है। आपका मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना जरूरी है।
  2. नेट बैंकिंग के माध्यम से:
    आप अपनी नेट बैंकिंग लॉगिन के जरिए सीधे आयकर पोर्टल पर जाकर ई-वेरिफाई कर सकते हैं।
  3. डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC):
    यह तरीका खासतौर पर कंपनियों और प्रोफेशनल्स द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
  4. ई-वेरिफिकेशन कोड (EVC) के जरिए:
    यह कोड आपके रजिस्टर्ड मोबाइल या ईमेल पर भेजा जाता है, जिसे इस्तेमाल करके सत्यापन किया जा सकता है।
  5. बैंक एटीएम का उपयोग:
    कुछ बैंकों की एटीएम सेवा के जरिए भी आप ई-वेरिफिकेशन कर सकते हैं (बैंक की सुविधा पर निर्भर करता है)।
  6. इनकम टैक्स पोर्टल के जरिए लॉगिन करके ई-वेरिफाई:
    लॉगिन करने के बाद ‘My Account’ सेक्शन में जाकर ई-वेरिफाई विकल्प चुनें।
  7. ITR-V को फिजिकल तरीके से भेजना:
    अगर आप ऊपर दिए गए किसी भी डिजिटल माध्यम का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, तो ITR-V फॉर्म को प्रिंट करके साइन करें और बेंगलुरु स्थित CPC ऑफिस में डाक से भेजें।

समय पर वेरीफिकेशन क्यों जरूरी है?

अगर आपने निर्धारित 30 दिन के भीतर वेरीफिकेशन नहीं किया, तो रिटर्न को रद्द (Invalid) माना जा सकता है। साथ ही रिफंड प्रक्रिया रुक सकती है और टैक्स ड्यू पर ब्याज व जुर्माना भी लग सकता है। इसलिए ITR दाखिल करने के तुरंत बाद ई-वेरिफिकेशन करना ही समझदारी है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top