JSW Cement IPO: देश की प्रमुख सीमेंट निर्माता कंपनी JSW सीमेंट का आईपीओ निवेशकों के जोरदार रिस्पॉन्स के बाद अब शेयर बाजार में कदम रखने जा रहा है। कंपनी के शेयर 14 अगस्त, गुरुवार को बीएसई और एनएसई पर लिस्ट होंगे। मार्केट सूत्रों के मुताबिक, ग्रे मार्केट प्रीमियम के आधार पर इनकी लिस्टिंग इश्यू प्राइस से करीब 3% ऊपर हो सकती है।
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जोरदार सब्सक्रिप्शन, संस्थागत निवेशकों का दबदबा
JSW सीमेंट का ₹7,360 करोड़ का आईपीओ 7 से 11 अगस्त तक निवेशकों के लिए खुला था। इस अवधि में इसे कुल 7.77 गुना बोली मिली। सबसे ज्यादा मांग क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) श्रेणी से आई, जहां बुक 15.80 गुना भर गई। गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) ने 10.97 गुना तक बोली लगाई, जबकि रिटेल निवेशकों की मांग अपेक्षाकृत कम रही और यह 1.81 गुना पर सिमटी।
फंड जुटाने की संरचना और ग्रे मार्केट का रुख
कंपनी ने आईपीओ के जरिए ₹7,160 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹200 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (OFS) पेश किया था। शेयर का प्राइस बैंड ₹139-₹147 तय किया गया था। ग्रे मार्केट में फिलहाल ₹4.5 का प्रीमियम चल रहा है, जो इश्यू प्राइस पर लगभग 3% की संभावित बढ़त को दर्शाता है। मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि लिस्टिंग के दिन बाजार की स्थिति और निवेशकों की धारणा का सीधा असर शुरुआती कारोबार पर पड़ेगा।
कंपनी की स्थिति, विस्तार योजनाएं और चुनौतियां
JSW सीमेंट देश की सबसे तेजी से बढ़ती सीमेंट कंपनियों में शुमार है और GGBS (ग्राउंड ग्रैन्युलेटेड ब्लास्ट फर्नेस स्लैग) के उत्पादन में इसका बाजार हिस्सा 84% है। कंपनी आने वाले समय में ग्राइंडिंग क्षमता को 20.6 मिलियन टन से बढ़ाकर 41.85 मिलियन टन और क्लिंकर क्षमता को 6.44 मिलियन टन से बढ़ाकर 13.04 मिलियन टन करने की योजना बना रही है।
वित्तीय प्रदर्शन और भविष्य की उम्मीदें
वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी को ₹163.8 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ, जबकि पिछले दो वित्त वर्षों में कंपनी लाभ में रही थी। प्रबंधन का कहना है कि विस्तार योजनाओं और बाजार की बढ़ती मांग के चलते आने वाले वर्षों में प्रदर्शन में सुधार की संभावना है।
प्रमोटर्स की हिस्सेदारी और सेक्टर का आउटलुक
आईपीओ के बाद प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 78.61% से घटकर 72.33% रह जाएगी। बाजार जानकारों का मानना है कि सीमेंट सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की मजबूती से इस कंपनी को लंबी अवधि में फायदा हो सकता है, हालांकि कच्चे माल और ऊर्जा लागत में उतार-चढ़ाव इसकी राह में चुनौतियां पेश कर सकते हैं।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।