केसोराम इंडस्ट्रीज का 6 रुपये वाला शेयर मचा रहा धूम, नई ओनरशिप ने लगाई आग!

केसोराम इंडस्ट्रीज का 6 रुपये वाला शेयर शुक्रवार को जबरदस्त तेजी दिखा। फ्रंटियर वेयरहाउसिंग की नई ओनरशिप ने निवेशकों का उत्साह बढ़ा दिया है और बाजार में इस स्टॉक पर नजरें टिकी हुई हैं।

Kesoram Industries का 6 रुपये वाला शेयर निवेशकों के बीच चर्चा में, नई ओनरशिप के चलते बाजार में हलचल

केसोराम इंडस्ट्रीज: शुक्रवार के कारोबार में केसोराम इंडस्ट्रीज के शेयरों ने अप्रत्याशित तेजी दिखाई और निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। सप्ताह के अंतिम ट्रेडिंग सत्र में इस स्टॉक ने बीएसई पर जबरदस्त उछाल लेते हुए लगभग 20 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। पिछली क्लोजिंग 5.44 रुपये की तुलना में शेयर 6.52 रुपये तक चढ़ गया। यह स्टॉक इस साल 11.09 रुपये का ऊपरी स्तर और 2.94 रुपये का निचला स्तर देख चुका है।

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नए रणनीतिक निवेशक की एंट्री से बदला माहौल

शेयर की तेज रफ्तार के पीछे सबसे अहम वजह फ्रंटियर वेयरहाउसिंग लिमिटेड का बड़ा कदम माना जा रहा है। कोलकाता स्थित इस कंपनी ने केसोराम इंडस्ट्रीज में महत्वपूर्ण नियंत्रण हासिल करने की दिशा में बड़ा सौदा किया है। इस कदम के बाद बीके बिड़ला समूह की इस कंपनी से बिड़ला परिवार का लगभग सौ वर्षीय संबंध पूरी तरह खत्म होने जा रहा है।

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शुक्रवार को फ्रंटियर वेयरहाउसिंग ने प्रमोटर समूह की कुछ कंपनियों से 42.8 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का समझौता किया। यह सौदा 13.30 करोड़ शेयरों के लिए मात्र 4 रुपये प्रति शेयर की दर से तय हुआ, जिसकी कुल कीमत लगभग 53 करोड़ रुपये बैठती है। इसके अलावा, कंपनी ने सार्वजनिक शेयरधारकों के लिए भी ओपन ऑफर की घोषणा की है। इस ऑफर में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी यानी 8.07 करोड़ शेयर 5.48 रुपये प्रति शेयर पर खरीदने का प्रस्ताव शामिल है।

सीमेंट कारोबार से अलग होकर बदल रहा है केसोराम का चेहरा

इस साल की शुरुआत में कंपनी ने अपना सीमेंट व्यवसाय अल्ट्राटेक सीमेंट को हस्तांतरित कर दिया था। बेटर स्ट्रक्चर और फोकस के लिए किया गया यह डीमर्जर 1:52 के शेयर स्वैप अनुपात के साथ पूरा हुआ। इस सौदे के बाद से ही यह स्पष्ट हो गया था कि बिड़ला परिवार का केसोराम से धीरे-धीरे निकलना तय है, और अब फ्रंटियर द्वारा की गई खरीद ने इसे औपचारिक रूप से मुकम्मल कर दिया है।

तिमाही नतीजों में घाटा बरकरार, लेकिन कुछ सुधार भी दिखा

वित्त वर्ष 2025–26 की सितंबर तिमाही में कंपनी को 25.87 करोड़ रुपये का समेकित नुकसान हुआ। हालांकि घाटा पिछले साल की समान अवधि के 69.92 करोड़ रुपये की तुलना में कम रहा, लेकिन कंपनी की कुल बिक्री सालाना आधार पर लगभग 6 प्रतिशत घटकर 55.17 करोड़ रुपये रह गई। इससे स्पष्ट है कि कंपनी अभी भी अपने मुख्य व्यवसाय मॉडल और वित्तीय स्थिति को स्थिर करने की कोशिश में जुटी है।

हिस्सेदारी के हालात

ताज़ा शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, केसोराम इंडस्ट्रीज में प्रमोटर समूह की हिस्सेदारी 43.34 प्रतिशत है, जबकि 56.66 प्रतिशत शेयर पब्लिक के पास मौजूद हैं। फ्रंटियर वेयरहाउसिंग के नए निवेश और ओपन ऑफर के बाद यह संरचना आने वाले महीनों में काफी बदल सकती है।

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