Meesho IPO: ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म Meesho अब भारतीय शेयर बाजार में एंट्री की तैयारी कर रहा है। यह आईपीओ देश की सबसे चर्चित स्टार्टअप लिस्टिंग्स में गिनी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी करीब 4,250 करोड़ रुपए के फ्रेश इश्यू के साथ आएगी, जबकि 175.7 मिलियन शेयर मौजूदा निवेशकों द्वारा ऑफर फॉर सेल (OFS) के रूप में बेचे जाएंगे। साथ ही कंपनी ने 850 करोड़ रुपए तक के प्री-IPO प्लेसमेंट की संभावना भी खुली रखी है, जिससे अगर यह पूरी तरह भरा गया तो नए शेयरों की संख्या कम की जा सकती है।
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बेंगलुरु में मुख्यालय वाली इस कंपनी ने हाल ही में अपनी होल्डिंग संरचना भारत में स्थानांतरित की है, ताकि लिस्टिंग प्रक्रिया सुचारु रूप से हो सके। Meesho के इस इश्यू का प्रबंधन कोटक महिंद्रा कैपिटल, जे.पी. मॉर्गन, मॉर्गन स्टेनली, एक्सिस कैपिटल और सिटी जैसी बड़ी वित्तीय कंपनियां करेंगी।
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शुरुआती निवेशक करेंगे हिस्सेदारी में कमी
इस आईपीओ के तहत Meesho के कई पुराने निवेशक अपनी हिस्सेदारी घटाने की योजना में हैं। Elevation Capital करीब 5.54 करोड़ शेयर, Peak XV Partners लगभग 3.05 करोड़ शेयर, Venture Highway की 1.57 करोड़, Y Combinator Continuity की 1.26 करोड़, और Golden Summit Limited की लगभग 80 लाख शेयर बेचने की योजना है। इसके अलावा कंपनी के सह-संस्थापक विदित आत्रे और संजय कुमार भी करीब 1.18 करोड़ शेयर ऑफलोड करेंगे।
जुटाई गई पूंजी का उपयोग
Meesho इस आईपीओ से मिलने वाले धन का बड़ा हिस्सा टेक्नोलॉजी, क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, और ब्रांड प्रमोशन पर लगाएगी। दस्तावेजों के अनुसार, लगभग 1,390 करोड़ रुपए क्लाउड सिस्टम को बेहतर बनाने पर, 480 करोड़ रुपए तकनीकी और एआई प्रोफेशनल्स की भर्ती में, और करीब 1,020 करोड़ रुपए मार्केटिंग और ब्रांडिंग गतिविधियों पर खर्च होंगे। बाकी रकम का उपयोग कंपनी अधिग्रहण और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए करेगी।
राजस्व में निरंतर उछाल
Meesho का कारोबार बीते कुछ वर्षों में तेज़ी से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी ने लगभग 9,389 करोड़ रुपए की आय दर्ज की, जो एक साल पहले के मुकाबले करीब 23% अधिक है। हालांकि कंपनी को इस अवधि में 3,941 करोड़ रुपए का घाटा हुआ, जिसकी वजह तकनीकी निवेश, ESOP चार्जेज और पुनर्गठन से जुड़ी लागतें रहीं। इसके बावजूद कंपनी का एडजस्टेड EBITDA घाटा लगातार कम हुआ है, जो संचालन में सुधार का संकेत देता है।
कम कीमत की रणनीति और मज़बूत स्थिति
कंपनी का मार्जिन तीन वर्षों में 5,600 करोड़ से बढ़कर 14,800 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। ऑर्डर की संख्या में भी करीब 33% वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि औसत ऑर्डर मूल्य घटकर 274 रुपए रह गया है, जिससे पता चलता है कि कंपनी सस्ती कीमतों की रणनीति पर कायम है।
सकारात्मक पक्ष यह है कि प्रति ऑर्डर लागत घटकर 43 रुपए के आसपास आ गई है, जिसमें कंपनी की इन-हाउस लॉजिस्टिक्स यूनिट Valmo का बड़ा योगदान है।
Meesho फिलहाल बिना कर्ज के काम कर रही है और उसके पास 5,700 करोड़ रुपए से अधिक नकद व निवेश मौजूद हैं। यानी यह कंपनी IPO में प्रवेश करते समय एक मजबूत बैलेंस शीट और एसेट-लाइट बिजनेस मॉडल के साथ खड़ी है।
सामने हैं कुछ चुनौतियां
कंपनी के कुल ऑर्डर्स में कैश-ऑन-डिलीवरी (CoD) का हिस्सा लगभग 75% है। इस मॉडल में ऑर्डर की सफलता दर सिर्फ 75.5% है, जबकि प्रीपेड ऑर्डर्स की सफलता दर करीब 98% तक है। CoD मॉडल कंपनी की वर्किंग कैपिटल और रिटर्न दरों पर दबाव डालता है।
इसके अलावा कंपनी पर 7,100 करोड़ रुपए से अधिक के टैक्स और कानूनी विवाद लंबित हैं, जिनमें सबसे बड़ा 5,720 करोड़ रुपए का इनकम टैक्स क्लेम शामिल है। लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में किसी भी तरह की रुकावट डिलीवरी चेन पर असर डाल सकती है।
बाजार में अमेजन, फ्लिपकार्ट और क्विक कॉमर्स कंपनियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण मार्जिन पर दबाव रह सकता है। इसके बावजूद, Meesho अपने IPO के जरिये निवेशकों के भरोसे को मजबूत करने और भारतीय ई-कॉमर्स सेक्टर में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ करने के लिए तैयार है।

आरव भारद्वाज भारतीय शेयर बाज़ार और व्यवसाय जगत से जुड़ी ख़बरों का गहन विश्लेषण करते हैं। उन्हें वित्तीय रुझानों, IPO अपडेट्स और निवेश रणनीतियों पर लेखन का ठोस अनुभव है। BazaarBits पर उनका उद्देश्य निवेशकों तक विश्वसनीय और सटीक जानकारी पहुँचाना है।