Multibagger Stocks: ये हैं साल की बड़ी कमाई कराने वाले 13 शेयर, जिन्होंने बदल दी निवेशकों की किस्मत

Multibagger Stocks: अगर आप शेयर बाजार में निवेश को लेकर फैसले लेते हैं, तो 2025 का एक बड़ा बदलाव नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पूरे साल बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहा, लेकिन इसके बावजूद बड़ी कंपनियों की पकड़ पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होती चली गई। यह ट्रेंड सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि […]

Multibagger Stocks 2025 में 13 ऐसे शेयर जिन्होंने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया

Multibagger Stocks: अगर आप शेयर बाजार में निवेश को लेकर फैसले लेते हैं, तो 2025 का एक बड़ा बदलाव नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पूरे साल बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहा, लेकिन इसके बावजूद बड़ी कंपनियों की पकड़ पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होती चली गई। यह ट्रेंड सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि अनिश्चित माहौल में निवेशक किन शेयरों को ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं।

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लार्जकैप कंपनियों की संख्या में तेज बढ़ोतरी

पिछले साल तक जिन कंपनियों का मार्केट कैप एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा था, उनकी गिनती 97 पर थी। 2025 में यह संख्या बढ़कर 110 तक पहुंच गई। यानी बाजार में अस्थिरता के बावजूद बड़ी कंपनियों का दायरा सिमटा नहीं, बल्कि और फैला। यह बदलाव बताता है कि निवेशकों ने जोखिम भरे सेगमेंट के बजाय मजबूत बैलेंस शीट वाली कंपनियों को प्राथमिकता दी।

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बाजार की कुल वैल्यू में बड़ी कंपनियों की हिस्सेदारी

आज की स्थिति में ये 110 कंपनियां बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू का करीब 62 फीसदी हिस्सा संभालती हैं। इसका मतलब यह है कि शेयर बाजार में लगा ज्यादातर पैसा कुछ चुनिंदा बड़े नामों में केंद्रित है। पिछले साल यह हिस्सा करीब 60 फीसदी था, जो अब और बढ़ गया है। यह रुझान साफ करता है कि बड़े निवेशक फिलहाल स्थिरता को सबसे अहम मान रहे हैं।

मिडकैप और स्मॉलकैप से क्यों हट रहा है फोकस

शेयर बाजार में नए निवेशकों के सामने अक्सर यह सवाल होता है कि पैसा लार्जकैप में लगाया जाए या मिड और स्मॉलकैप में। 2025 के आंकड़े इस सवाल का व्यावहारिक जवाब देते हैं। बाजार भले ही इंडेक्स के स्तर पर मजबूत दिखा हो, लेकिन मिड और स्मॉलकैप शेयरों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा। इसका असर कई निवेशकों के पोर्टफोलियो पर साफ नजर आया।

मजबूत बिजनेस मॉडल वाली कंपनियों पर भरोसा

रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और भारती एयरटेल जैसी कंपनियां इस ट्रेंड का सबसे बड़ा उदाहरण हैं। ये सिर्फ मार्केट कैप के लिहाज से बड़ी नहीं हैं, बल्कि इनके बिजनेस मॉडल, कैश फ्लो और इंडस्ट्री में पकड़ भी मजबूत है। इसी वजह से मुश्किल समय में निवेशक इन्हें ज्यादा सुरक्षित विकल्प मानते हैं।

मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा के मुताबिक, 2025 में इंडेक्स मजबूत रहे, लेकिन हर निवेशक को समान फायदा नहीं मिला। SIP के जरिए मिड और स्मॉलकैप में निवेश जारी रहा, लेकिन बाजार की दिशा तय करने में लार्जकैप शेयरों की भूमिका सबसे अहम रही। इसकी एक बड़ी वजह वैल्यूएशन रोटेशन भी रहा, जहां निवेशक ज्यादा महंगे छोटे शेयरों से निकलकर अपेक्षाकृत संतुलित वैल्यू वाले बड़े शेयरों की ओर बढ़े।

2025 में एक लाख करोड़ रुपये के क्लब में 20 नई कंपनियों की एंट्री हुई, जबकि चार कंपनियां लिस्टिंग के तुरंत बाद इस श्रेणी में पहुंच गईं। इनमें एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, टाटा कैपिटल, ग्रो और मीशो जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा मुथूट फाइनेंस, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट, केनरा बैंक और टाटा कंज्यूमर जैसे पुराने नाम भी इस क्लब में पहुंचे। वहीं, कुछ कंपनियां शेयर कीमतों में गिरावट के कारण इस लिस्ट से बाहर हो गईं।

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